शहीद सम्मान यात्रा 2.0 : 22 सितंबर से 4 अक्टूबर तक होगी आयोजित
लैंसडाउन : सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आगामी 05 अक्टूबर को आयोजित होने वाले सैनिक सम्मान समारोह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज लैंसडाउन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि समारोह की सभी तैयारियां निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएं। उन्होंने जोर दिया कि यह कार्यक्रम शहीदों और उनके परिवारों की गरिमा से जुड़ा है, इसलिए इसकी भव्यता और सम्मानजनक माहौल पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
निरीक्षण के उपरांत सैनिक कल्याण मंत्री ने शहीद सम्मान समारोह और शहीद सम्मान यात्रा 2.0 की तैयारियों की समीक्षा बैठक भी की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1734 बलिदानियों के आंगन की मिट्टी पहले ही सैन्यधाम लाई जा चुकी है, लेकिन इस प्रक्रिया में लगभग 71 बलिदानी परिवार छूट गए थे। इन छूटे हुए बलिदानियों के आंगन से पवित्र मिट्टी लाने के लिए 22 सितंबर से 04 अक्टूबर तक शहीद सम्मान यात्रा के दूसरे चरण का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा के उपरांत 05 अक्टूबर को लैंसडाउन में शहीद सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर शहीद परिवारों को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। सैनिक कल्याण मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि सैन्यधाम के लोकार्पण से पहले किसी भी बलिदानी का आंगन छूटे नहीं। सभी शहीदों की मिट्टी सैन्यधाम में लाकर एक साथ समाहित की जाएगी। यह पहल सरकार की शहीदों और उनके परिजनों के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाती है।
इस अवसर पर गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) अमृतलाल, पौड़ी जिले के मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, उप जिलाधिकारी शालिनी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी वीपी भट्ट सहित सेना और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल और गरिमामय बनाने के लिए अपने-अपने स्तर पर योगदान सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
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