लव जेहाद: प्रलोभन और धमकी से कराया धर्म परिवर्तन, महिला ने अदालत में किया खुलासा

 


नोएडा : पुलिस ने जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह कराने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी राजा मियां उर्फ एहसान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब 28 वर्षीय महिला की मां ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर अपनी बेटी की बरामदगी की मांग की। अदालत के निर्देश पर पुलिस ने महिला का चेन्नई से पता लगाया और उसे वापस नोएडा लाया। महिला की बरामदगी के बाद यह पूरा घटनाक्रम सामने आया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों की पहचान मुख्य आरोपी राजा मियां उर्फ एहसान (23), उसके पिता बिस्मिल्लाह मियां (65) और मां अनीशा बेगम (50) के रूप में हुई है। वहीं, मामले में शामिल दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं जिनकी तलाश के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि तीनों गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जा रहा है।

पुलिस की जांच में सामने आया कि गढ़ी चौखंडी गांव निवासी शिवम शर्मा की पत्नी इसी साल मई माह में अचानक लापता हो गई थी। इस पर उनके पति ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दाखिल की थी। अदालत के आदेश पर पुलिस ने महिला की तलाश शुरू की और उसे चेन्नई से बरामद किया। महिला ने पूछताछ में खुलासा किया कि गाजियाबाद के बहरामपुर गांव में किराए पर रहने वाला बिहार के सिवान का निवासी राजा उर्फ एहसान उसे प्रेमजाल में फंसाकर अपने साथ ले गया था। इसके बाद उसने महिला को प्रलोभन और दबाव देकर धर्म परिवर्तन कराया और 1 मई 2025 को उससे निकाह कर लिया।

थाना फेज-तीन के प्रभारी निरीक्षक ध्रुव भूषण दुबे ने बताया कि महिला ने साफ कहा है कि निकाह के लिए न केवल दबाव बनाया गया बल्कि उसके पिता का नाम भी निकाहनामा में फर्जी तरीके से लिखा गया। इतना ही नहीं, राजा ने अपनी मां अनीशा बेगम को महिला की फूफी और अपने भाई इरशाद को महिला का भाई बताकर निकाह की प्रक्रिया पूरी कराई। जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे षड्यंत्र में राजा के परिवार के लोग सक्रिय रूप से शामिल थे।

पुलिस ने बताया कि राजा, उसके पिता बिस्मिल्लाह, मां अनीशा बेगम, भाई इरशाद और काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है और उन्हें भी शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा।

यह मामला उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन से जुड़े गंभीर अपराधों के खिलाफ चल रहे कड़े अभियान की एक और मिसाल है। पुलिस का कहना है कि अदालत और सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और दोषियों को हर हाल में कानून के दायरे में लाया जाएगा।

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