अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के इशारों से बढ़ा विवाद

 


दुबई : एशिया कप के भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटरों हारिस रऊफ और साहिबज़ादा फरहान के व्यवहार ने विवाद खड़ा कर दिया है। पहली पारी में साहिबज़ादा फरहान ने अपने बल्ले को बंदूक की तरह तानकर अपना अर्धशतक मनाया, जिसे दर्शकों और कई राजनेताओं ने अपमानजनक और आपत्तिजनक बताया। आलोचकों का कहना है कि यह हरकत केवल खेल का हिस्सा नहीं, बल्कि एक गंभीर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश थी।

इस पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि साहिबज़ादा फरहान ने मैदान पर वही प्रदर्शित किया जो पहलगाम में हुआ था, और इसे भारत के अपमान के रूप में देखा जाना चाहिए। राउत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि बल्ले को एके-47 की तरह थामकर और चौके जड़कर यह भारतीय जनता और बीसीसीआई का अपमान है। समाजवादी पार्टी के शरद सरन ने भी इस व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत को एशिया कप में पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए था और इस अपमान के लिए जिम्मेदार लोगों पर सवाल उठाए।

भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग भारत-पाकिस्तान मैच में खेलने के खिलाफ थे, वे साहिबज़ादा फरहान के नाटकों का स्वागत कर रहे थे। मालवीय ने इसे विरोधियों की असंगति और हास्यास्पद रवैये के रूप में बताया।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी हारिस रऊफ और साहिबज़ादा फरहान के कदमों की निंदा की और इसे देश का अपमान करार दिया। भारद्वाज ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का मज़ाक उड़ा रहे थे, और इस पर केंद्र सरकार को तत्काल प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी। उन्होंने प्रश्न उठाया कि पाकिस्तान को इतना विश्वस्तरीय मंच क्यों दिया गया और भारत मैदान से बाहर क्यों नहीं गया।

इस घटना ने राजनीतिक और खेल जगत दोनों में बहस को तेज कर दिया है, जहां राजनेताओं और विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों के व्यवहार, सुरक्षा और भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों पर चिंता व्यक्त की है। विवाद अब यह सवाल खड़ा कर रहा है कि अंतरराष्ट्रीय खेल में राजनीतिक और सैन्य घटनाओं का कितना प्रभाव दिखाया जा सकता है और इसकी सीमाएँ क्या होनी चाहिए।

टिप्पणियाँ