लोक अदालत सरल और त्वरित न्याय का माध्यम: सीमा डुंगराकोटी

 


देहरादून : मुख्यालय में कुल 11,374 मामलों का निस्तारण किया गया, जिनमें मोटर दुर्घटना क्लेम के 76, पारिवारिक विवाद के 128, बैंक संबंधी 1055, मीटर वाहन अपराध के 12,902, फौजदारी के शमनीय प्रकृति के 195 और अन्य सिविल प्रकृति के 70 मामले शामिल थे। इन मामलों में लगभग 180 करोड़ रुपये की धनराशि के संबंध में समझौते हुए।

बाह्य न्यायालय विकासनगर में 1,900 मामलों का निस्तारण किया गया और 22 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। ऋषिकेश में 912 मामलों का निस्तारण कर 43 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया। डोईवाला में 225 मामलों का निस्तारण कर 98 लाख रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि मसूरी में 34 मामलों का निस्तारण कर 40 लाख रुपये का राजस्व मिला।

इसके अतिरिक्त, प्री-लिटिगेशन स्तर पर भी बड़ी संख्या में मामले निपटाए गए। कुल 6,901 मामलों का समाधान हुआ और लगभग 36 करोड़ रुपये की धनराशि पर समझौते हुए।

इससे पहले भी देहरादून ने राष्ट्रीय लोक अदालतों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। 10 मई 2005 को आयोजित लोक अदालत में 12,675 मामलों का निस्तारण किया गया था।

वरिष्ठ सिविल जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीमा डुंगराकोटी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतें न्यायालय की गरिमा बनाए रखने और सुलह-समझौते की भावना को बढ़ावा देने में सहायक हैं। इससे समाज में भाईचारा और शांति का वातावरण बनता है। लोक अदालत त्वरित और सरल न्याय का प्रभावी माध्यम है, जिसमें दिए गए आदेश अंतिम होते हैं और न्याय शुल्क भी पक्षकारों को वापस कर दिया जाता है।

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