रिपोर्ट से महिलाओं और अभिभावकों में बढ़ी सुरक्षा को लेकर चिंता

 


देहरादून : महिला सुरक्षा को लेकर हाल ही में एक निजी सर्वे कंपनी की रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस रिपोर्ट में राजधानी देहरादून को देश के 10 सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल किया गया था। रिपोर्ट सामने आने के बाद अभिभावकों, महिलाओं और युवतियों के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता और नकारात्मक माहौल उत्पन्न हो गया। अब इस मामले को लेकर जिला पुलिस प्रशासन ने गंभीर रुख अपनाया है और रिपोर्ट की गहराई से जांच शुरू कर दी है।

एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि इस निजी सर्वे कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े सरकारी आंकड़ों से मेल नहीं खाते। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर भ्रामक जानकारी फैलाना बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि इससे समाज में गलत संदेश जाता है और जनमानस में भय का माहौल पैदा होता है। इसी कारण उन्होंने पूरे मामले की जांच एसपी ऋषिकेश को सौंपी है और निर्देश दिया है कि तथ्यों की सच्चाई सामने लाई जाए।

जांच की जिम्मेदारी संभालते हुए एसपी ऋषिकेश ने सर्वे करने वाली कंपनी पी वैल्यू एनालिटिक्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक प्रहलाद राउत को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में तीन दिन के भीतर सभी तथ्यात्मक आंकड़ों और रिपोर्ट से संबंधित आधारभूत प्रमाण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर प्रस्तुत आंकड़े असत्य या भ्रामक पाए जाते हैं तो कंपनी और उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट सामने आने के बाद अभिभावकों और नागरिकों ने भी चिंता जाहिर की है। कई सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस तरह की रिपोर्टें बिना ठोस आधार के प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि यह न केवल शहर की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर डर का माहौल भी बनाती हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि देहरादून में महिला सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है, महिला हेल्पलाइन नंबर सक्रिय है और थानों में महिला डेस्क भी बनाए गए हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूल, कॉलेज और संस्थानों में जाकर छात्राओं को सुरक्षा संबंधी जानकारी और आत्मरक्षा के प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।

फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है और पुलिस प्रशासन का कहना है कि वास्तविक स्थिति सामने आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। अधिकारियों का यह भी मानना है कि इस रिपोर्ट के प्रकाशन से देहरादून की साख को नुकसान पहुंचा है और अगर रिपोर्ट गलत पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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