उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा की पीजीआई रैंकिंग सुधारने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
देहरादून : विद्यालयी शिक्षा में पीजीआई (प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक) रैंकिंग सुधारने के लिए राज्य स्तर पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति रैंकिंग के लिए निर्धारित सूचकांकों में सुधार हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करेगी और उनके क्रियान्वयन का मूल्यांकन भी करेगी। इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर यू-डायस की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। प्रत्येक बीईओ अपने क्षेत्र के विद्यालयों से संबंधित आंकड़ों की सही प्रविष्टि सुनिश्चित करेंगे, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की रैंकिंग में सुधार हो सके।
विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में बनी 12 सदस्यीय समिति में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और जनपद स्तर के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। यह समिति सुधार संबंधी सुझाव देगी जिन्हें प्रदेशभर में लागू कराया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर पीजीआई रैंकिंग के लिए छह डोमेन और 72 सूचकांक तय किए गए हैं, जिनके आधार पर 1000 अंकों में रैंकिंग निर्धारित होती है। वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड ने 526.30 अंक हासिल किए थे। विभाग ने 2025-26 के लिए 615 अंक और 2026-27 के लिए 650 अंक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
समीक्षा में यह पाया गया कि विद्यालय स्तर से यू-डायस पर भरे गए आंकड़ों में कई त्रुटियां रही हैं, जिसके कारण राज्य को अंकों का नुकसान हुआ। विभाग का मानना है कि दक्ष कार्मिकों की कमी के कारण सही आंकड़े दर्ज नहीं हो पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए ब्लॉक स्तर पर बीईओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सही आंकड़े दर्ज कर और ठोस कार्ययोजना अपनाकर वर्ष 2026-27 तक उत्तराखंड को पीजीआई रैंकिंग में शीर्ष राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
टिप्पणियाँ