वन संरक्षण में बड़ी सफलता: उत्तराखंड की पूरी कैम्पा कार्य योजना को केंद्र से स्वीकृति

 


देहरादून : देहरादून से नई दिल्ली तक उत्तराखंड सरकार के लिए शुक्रवार का दिन बड़ी सफलता और संतोष का रहा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कैंपा (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) की कार्यकारी समिति द्वारा राज्य की 439.50 करोड़ रुपये की कार्य योजना को शत-प्रतिशत स्वीकृति दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री का आभार प्रकट किया।

बैठक में उत्तराखंड के शेष प्रस्तावों पर गहन विचार किया गया और सभी को पूर्ण रूप से अनुमोदन प्राप्त हुआ। समिति ने उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को मानकों के अनुरूप पाया और सभी आवश्यक विवरण स्पष्टता से प्रस्तुत किए गए। यह पहला अवसर है जब राज्य की वार्षिक कार्य योजना को बिना किसी संशोधन के पूर्ण स्वीकृति मिली है। इससे राज्य के विभिन्न वानिकी एवं पर्यावरणीय कार्यों के लिए समय से वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकेगी, जो विकास एवं पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. समीर सिन्हा ने इस बैठक में भाग लेते हुए जानकारी दी कि प्रस्तावित योजना को इस बार केंद्रीय समिति से पूर्ण रूप से अनुमोदन प्राप्त हुआ है, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके तहत वन क्षेत्रों के संरक्षण, जैव विविधता को बढ़ावा देने, वनीकरण, जंगलों की देखरेख एवं पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के कार्य प्राथमिकता से पूरे किए जाएंगे।

गौरतलब है कि 2025-26 के लिए तैयार की गई इस कार्य योजना को राज्य की संचालन समिति द्वारा अनुमोदन के बाद भारत सरकार को भेजा गया था। इसके तहत मई 2025 में प्रथम चरण में 235.30 करोड़ रुपये की राशि को पहले ही भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी, जिसे राज्य सरकार ने वन विभाग को जारी कर दिया है ताकि योजनाओं पर समय से अमल हो सके।

इस उपलब्धि को लेकर प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. समीर सिन्हा की टीम को बधाई देते हुए आशा जताई कि वन विभाग इस राशि का उपयोग निर्धारित मानकों और समयसीमा के भीतर पूरी पारदर्शिता से करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील राज्य के लिए यह वित्तीय स्वीकृति एक बड़ी राहत है और इससे जंगलों के विकास, वन्य जीव संरक्षण, वनों में आजीविका से जुड़े लोगों के उत्थान जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में गति आएगी।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि अधिनियम 2016 के अंतर्गत स्थापित उत्तराखंड कैम्पा के तहत इससे पूर्व वर्ष 2023-24 में 424.46 करोड़ रुपये की योजना के सापेक्ष 383.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति और वर्ष 2024-25 में 408 करोड़ की योजना के सापेक्ष 369.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी थी। इस बार पूरी योजना को स्वीकृति मिलना राज्य के लिए एक मिसाल है और आने वाले समय में वनों के संरक्षण के क्षेत्र में उत्तराखंड को और मजबूती प्रदान करेगा।

टिप्पणियाँ