आइस स्केटिंग में चमके उत्तराखंड के सितारे, खेल मंत्री ने बढ़ाया हौसला
देहरादून : हिमाद्री आइस स्केटिंग रिंक में आयोजित बीसवीं राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उत्तराखंड के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेल मंत्री रेखा आर्या ने 9 जुलाई को अपने कैंप कार्यालय में सम्मानित किया। 25 से 30 जून के बीच आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देशभर से आए 500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 23 खिलाड़ियों ने स्पीड और फिगर स्केटिंग की विभिन्न श्रेणियों में अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए राज्य को गौरवान्वित किया और कुल 9 पदक अपने नाम किए।
सम्मान समारोह के दौरान खेल मंत्री रेखा आर्या ने विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व का विषय है और यह उत्तराखंड में शीतकालीन खेलों की संभावनाओं को एक नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि हिमाद्री आइस रिंक के पुनः संचालन से आइस गेम्स में राज्य के खिलाड़ी अब न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत की महिला आइस हॉकी टीम ने संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता, और वह टीम अपनी रवानगी से पूर्व हिमाद्री आइस रिंक में एक महीने तक प्रशिक्षण ले चुकी थी। यह प्रमाण है कि इस रिंक में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है।
रेखा आर्या ने यह भी घोषणा की कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वे अपने खेल में निरंतर सुधार कर सकें। उन्होंने कहा कि आइस स्केटिंग जैसे विशेष और चुनौतीपूर्ण खेल के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों को अभ्यास हेतु रिंक का उपयोग न्यूनतम शुल्क पर कराया जाए, जिससे उन्हें किसी आर्थिक बाधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन खिलाड़ियों के लिए नियमित अभ्यास सत्र, कोचिंग सुविधा और प्रतियोगिताओं में भागीदारी हेतु आवश्यक सहयोग सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष शिव पैन्यूली, कोषाध्यक्ष ज्योति गैरोला, तकनीकी सचिव रूपा सिंह, मैनेजर नागेन्द्र सिंह नेगी, यशवंत सिंह और सुखवीर रावत सहित कई अभिभावक भी मौजूद रहे। सभी ने खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए राज्य में आइस स्केटिंग को और अधिक लोकप्रिय बनाने तथा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सम्मान समारोह में विजयी खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था और उनके चेहरों पर आगे और बेहतर प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास स्पष्ट रूप से झलक रहा था। इस अवसर ने राज्य में शीतकालीन खेलों के प्रति एक नई जागरूकता और उम्मीद को जन्म दिया है।
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