दिल्‍ली के शानदार स्‍थल जो हर यात्री को तलाशने चाहिए

 


दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ है और इंद्रप्रस्थ का महत्व प्राचीन काल से ही काफी महत्वपूर्ण रहा हैं। मुगल काम में दिल्ली में मुगलों ने राज किया। बड़े.बड़े किलों का निर्माण करवाया। दिल्ली की खूबसूरती और इसकी भौगोलिक स्थिति ने बड़े-बड़े साम्राज्य को अपनी ओर आकर्षिक किया। आज दिल्ली भले ही लोगों से भर गयी है लेकिन दिल्ली की वास्तविक खूबसूरती इससे कोई नहीं छीन सकता। दिल्ली में इतने शानदार स्थल है घूमने के लिए जहां जाकर आप ये भूल जाएंगे की आप भीड़-भाड़ वाली दिल्ली में हैं।


लाल किला - दिल्ली में सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक लाल किला है। लाल किला को 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनाया गया था। यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। किले की शानदार वास्तुकला,जटिल नक्काशी, और आश्चर्यजनक बगीचे इसे दिल्ली आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी गंतव्य बनाते हैं।

पुराना किला - मध्य दिल्ली में स्थित पुराना किला भारत के सबसे पुराने और प्राचीन किलों में से एक है। हालांकि, मूल संरचना की नींव की सही समय अवधि रिसर्च करने वालों के पास नहीं है लेकिन किताबों में मिली जानकारी के अनुसार इसे दूसरे मुगल सम्राट हुमायूं और सुर सम्राट शेर शाह सूरी के शासनकाल में फिर से बनाया गया था। किले की पुरानी खुदाई तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य काल के निशानों की ओर इशारा करती है।

हुमायुं का मकबरा -यह आश्चर्यजनक मकबरा 16वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह मुगल सम्राट हुमायूं का विश्राम (कबर) स्थल है। हुमायुं का मकबरा मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है और इसे ताजमहल का अग्रदूत माना जाता है। दिल्ली के इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले इस जगह को देखने के लिए जा सकते हैं। मकबरा और उसके आस.पास के बगीचे बेदह खूबसूरत हैं।

लोटस टेंपल - यह अनोखा मंदिर कमल के फूल के आकार का है और दिल्ली के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक बहाई उपासना स्थल है और सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है। मंदिर की आश्चर्यजनक वास्तुकला और शांतिपूर्ण परिवेश इसे विश्राम और ध्यान करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।

कुतुब मीनार - दिल्ली में एक और प्रतिष्ठित स्मारक कुतुब मीनार है। यह दुनिया की सबसे ऊंची ईंट मीनार है। जिसकी ऊंचाई 73 मीटर है। मीनार को 12वीं शताब्दी में कुतुब.उद.दीन ऐबक द्वारा बनाया गया था और यह लौह स्तंभ और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद सहित कई अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं से घिरा हुआ है।

इंडिया गेट - दिल्ली के मध्य में स्थित, इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों के सम्मान में बनाया गया एक युद्ध स्मारक है। यह स्मारक 42 मीटर लंबा है और हरे-भरे लॉन से घिरा हुआ है। पिकनिक और शाम की चहलकदमी के लिए यह एक लोकप्रिय स्थान है।

Sources:Prabhashakshi Samachaar

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