बुराड़ी कांड से भी खौफनाक हिसार हत्याकांड,अंधविश्वास में व्यक्ति ने पत्नी और तीन बच्चों को कुदाल से उतारा मौत के घाट

 


 टीवी में जब हम अपराध से जुड़े समाचार सुनते हैं तो लोगों की हैवानियत पर काफी गुस्सा आता है लेकिन ये हैवान किसी और गृह से नहीं आता ये आप और हम जैसे इंसानों के अंदर ही होता हैं। बुराड़ी में 11 लोगों की आत्महत्या मामले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया था। शायद ही बुराड़ी जैसा कांड दुनिया ने पहले कभी देखा होगा। अंधविश्वास के चलते एक बेटे ने अपनी सनक में पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। जिस-जिस ने इस घटना को पढ़ा उसका दिल दहल गया, आखिर कैसे एक नौजवान आदमी ने अपने बीवी बच्चों सहित पूरे परिवार को खत्म कर दिया वो भी अंधविश्वास के कारण? बुराड़ी में जो हुआ उसकी छाप हमारे दिमाक से कभी नहीं हट सकती। इस घटना को कभी नहीं भूला जा सकता लोगों को इससे सबक लेना चाहिए लेकिन इस घटना से सबक नहीं बल्कि लगता है कि लोग प्रेरणा ले रहे हैं। बुराड़ी कांड की तर्ज पर एक हिसार के एक गांव से वारदात सामने आयी है जिसमें मौक्ष प्राप्ति के धुन में सवार एक व्यक्ति ने अपनी बीवी और तीन बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी और खुद एक गाड़ी के सामने कूद गया। हिसार पुलिस ने सोमवार को कहा कि हिसार के नंगथला गांव में एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने अपने तीन बच्चों और अपनी पत्नी की हत्या कर दी और अंत में एक आने वाले वाहन के सामने कूद गया। वारदात को अंजाम देने वाला व्यक्ति का नाम रमेश वर्मा था। रमेश वर्मा एक दुकानदार था, जो अपनी 38 वर्षीय पत्नी सुनीता और अपने तीन बच्चों-दो बेटियों, 14 वर्षीय अनुष्का और 12 वर्षीय दीपिका और एक बेटे 10 वर्षीय केशव के साथ रहते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रविवार को वर्मा ने रोजाना की तरह रात 10 बजे तक दुकान खोलने की बजाय दोपहर तीन बजे अपनी दुकान बंद कर दी। उसके बाद वह घर आया और उसने अपनी पत्नी से बात की। पत्नी ने घर में खाने के लिए खीर बनायी थी। रमेश वर्मा ने खीर में नींद की गोलियां पीस कर मिला दी। खीर खाने के बाद सभी बेहोश हो गये। तब उसने अपने बीवी बच्चों को घर में रखी कुदाल (धारदार हथियार) ने कूंच कर मौत के घाट उतार दिया। मौक्ष को प्राप्त करने के लिए वह सुबह चार बजे सभी को मार कर घर से बाहर निकल गया और रोड पर गाड़ी के सामने कूद गया। गाड़ी के सामने कूद कर व्यक्ति ने अपनी जान दे दी।गाड़ी के सामने रमेश की लाश मिलने के बाद पुलिस ने एक्सिडेंट का मामला दर्ज किया और शव की पहचान करने के लिए उसके घर पर फोन किया। व्यक्ति की पहचान होने के बाद पुलिस रमेश के घर पहुंची को उसने घर के अंदर जो नजारा देखा उसे देखकर दंग रह गयी। घर के अंदर चार शव खून से लथपथ पड़े हुए थे। पहचान करने के बाद पता चला की मृत रमेश की पत्नी और बच्चे थे। आखिर इन मासूमों की हत्या क्यों की गयी। इसका पता लगाने के लिए जब पुलिस ने जांच शुरू की तो उसके सामने एक एक करते पूरी तस्वीर आ गयी। यह ख्याली दुनिया की तस्वीर थी तस्वीर को समझकर पुलिस ने कहा कि एक एक सनक में की गयी हत्या है, जिसे मृत रमेश मे खुद अंजाम दिया है। दरअसल पिछले 15 सालों से रमेश 'मोक्ष' चाहता था। उसने अपनी जिंदगी को संन्यासी बना लिया था। वह अपनी पत्नी से जब भी संन्यासी जीवन जीने के लिए जाने की बात करता तो पत्नी बच्चों और अपना वास्ता देकर उसे रोक लेती थी। रविवार को रमेश ने फैसला किया कि वह 'मोक्ष' प्राप्त करने से पहले अपनी बीवी और बच्चों को इस दुनिया में अकेला छोड़कर नहीं जाएगा और उसने आत्महत्या करने से पहले बेहरमी से अपने तीनों बच्चों और पत्नी को आधी रात में मार डाला और खुद एक गाड़ी के सामने कूदकर जान दे दी।उप महानिरीक्षक बलवान सिंह राणा ने कहा कि वर्मा के बच्चों और पत्नी की हत्या की तफ्तीश करने के दौरान पुलिस को एक नोटबुक मिली, जिसके बाद पूरी कहानी के बारे में पता चल पया। नोटबुक में उनकी वारदात को अंजाम देने के पीछे का कारण मोक्ष प्राप्ति को बताया गया था। नोटबुक में वर्मा का सुसाइड नोट था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है और यहां तक ​​कि उन्होंने लोगों को दी गई परेशानी के लिए माफी भी मांगी।नोट से यह भी पता चलता है कि उसने अतीत में इलेक्ट्रोक्यूट होने की कोशिश करके खुद को असफल रूप से मारने की कोशिश की थी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि उनकी दुकान अच्छी चल रही थी और आत्महत्या के लिए किसी भी तरह की आर्थिक तंगी से इनकार किया। हिंदू मान्यता प्रणाली में, 'मोक्ष' जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से आत्मा की मुक्ति है। यह घटना बुरी तरह से बुराड़ी हत्याओं की ओर इशारा करती है, एक ऐसा मामला 2018 में दिल्ली में घटा था जहां दिल्ली के बुराड़ी के चुंडावत परिवार के 11 सदस्य मृत पाए गए थे - परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य, एक बुजुर्ग महिला का गला और बाद में खुदकुशी कर ली थी। पुलिस ने मामले को सामूहिक आत्महत्या का मामला बताया है।वर्मा के पड़ोसी उन्हें आरक्षित, विनम्र, ईश्वर से डरने वाले और पशु-प्रेमी बताते हैं। रमेश वर्मा के पास एक दुकान के मालिक सुभाष ने कहा कि वह खुद को रखता है और अक्सर अन्य दुकानदारों के साथ नहीं मिलता है। गांव में वर्मा के पड़ोसी नरेश कुमार ने कहा कि वह अक्सर अपने घर और पड़ोस में पक्षियों के लिए घोंसले बनाते थे। वह पड़ोस का सांप पकड़ने वाले भी थे। “वह सांपों से कभी नहीं डरता था। जब भी कोई सांप किसी के घरों में आता था तो लोग उन्हें ही पकड़ने के लिए बुलाते थे। वह उन्हें बहुत सावधानी से पकड़ लेता और जंगल में छोड़ देता। 

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