विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने बनाया मुख्यमंत्री के विभागों को निशाना

 


 

  देहरादून /  विधानसभा में एक बार फिर मुख्यमंत्री के लिए तय दिन सोमवार को प्रश्नकाल नहीं होने का मुद्दा उठा। विधायक काजी निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को उनके विभागों से संबंधित सवालों से बचाने के लिए सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है। विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि यह महज संयोग है। इस संबंध में विपक्ष से प्राप्त सुझाव पर गौर किया जाएगा। विधायक काजी निजामुद्दीन ने नियम 299 के तहत इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से विभागों से संबंधित सवालों के लिए प्रश्नकाल से बचने को सरकार ने यह तरीका ढूंढा है। पिछले तीन साल से लगातार वह यह मामला उठा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के प्रश्नकाल के लिए सोमवार का दिन नियत किया गया है। पिछले कई सालों से इस दिन किसी न किसी बहाने सरकार प्रश्नकाल से बच रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास एक नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। इससे पहले दो मुख्यमंत्रियों के पास बड़ी संख्या में विभाग थे। मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गृह, कारागार, न्याय, तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं। पहले के दो मुख्यमंत्रियों की तरह नए और युवा मुख्यमंत्री धामी भी सवालों के जवाब से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं है, बल्कि जानबूझकर की जा रही गलती है। जवाब में विधायी व संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री के जवाब नहीं देने जैसी कोई बात नहीं है। काजी निजामुद्दीन ने मंत्री भगत पर ली चुटकीविधायी व संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत को सदन में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की ओर से दी जा रही सलाह पर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने चुटकी ली। सुबोध की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के पास मुकम्मल लाइसेंस वाले मंत्री हैं, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी लर्निंग लाइसेंस वालों को सौंप दी। बेहतर हो मंत्री जी अपने बलबूते चलें, नहीं तो एक्सीडेंट कर देंगे। विधायी व संसदीय कार्य मंत्री भगत भी जवाब देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि उनके पास स्थायी लाइसेंस है।

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