BJP मंत्री की लोगों से अपील- चिकन, मटन और मछली से अधिक बीफ खाएं

  


एक ओर जहां भाजपा बीफ खाने का विरोध करती है, वहीं दूसरी ओर मेघालय सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री सनबोर शुलई राज्य के लोगों को चिकन, मटन और मछली की तुलना में अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पिछले हफ्ते कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले भाजपा के सीनियर नेता शुलई ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपने मन के हिसाब से खाने को स्वतंत्र है। जिसको जो मन चाहे, वह खा सकता है। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि मैं लोगों को चिकन, मटन या मछली की तुलना में अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। लोगों को अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित करने से यह धारणा दूर हो जाएगी कि भाजपा गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएगी। पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री शुलई ने यह भी आश्वासन दिया कि वह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेघालय में मवेशी परिवहन पड़ोसी राज्य में गायों को लेकर नए कानून से प्रभावित न हो।बता दें कि असम में मवेशियों की रक्षा के लिए एक कानून आया है, जिसका नाम है असम गौ संरक्षण विधेयक, 2021। इस कानून का उद्देश्य पड़ोसी बांग्लादेश में गायों की तस्करी को नियंत्रित करने के लिए असम के माध्यम से गायों के इंटरनैशनल एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाना है। वहीं, मेघालय और असम के बीच जटिल सीमा विवाद पर तीन बार के विधायक शुलई ने कहा कि यह उचित समय है कि राज्य अपनी सीमा और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपने पुलिस बल का उपयोग करे। उन्होंने कहा, 'अगर असम के लोग सीमावर्ती इलाके में हमारे लोगों को परेशान करते रहे, तो अब सिर्फ बात करने और चाय पीने का समय नहीं है...हमें जवाब देना होगा, हमें मौके पर ही कार्रवाई करनी होगी।' हालांकि, उन्होंने कहा कि वह हिंसा के समर्थक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास अपने लोगों की रक्षा करने की भावना होनी चाहिए, हमें अपने बल का उपयोग करना चाहिए, मिजोरम पुलिस को असम पुलिस से बात करने के लिए मोर्चे पर जाना चाहिए। बता दें कि बीते दिनों कछार जिले के लैलापुर में असम और मिजोरम पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें असम पुलिस के पांच कर्मी और एक निवासी की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। इस मामले के संबंध में एक मामला धोलाई पुलिस थाने में दर्ज है।

Sources:  पीटीआई

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