बागपत : अक्षय आत्‍महत्‍या मामला सीएम तक पहुंचा ,13 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर,पांच के खिलाफ मुकदमा कायम

 

 


  बागपत / बागपत में सोमवार को आधी रात तक खासा हंगामा खड़ा हो गया। बिनौली क्षेत्र के रंछाड गांव में कोरोना टीकाकरण शिविर के दौरान ग्रामीणों की भीड़ उमडऩे पर व्यवस्था बनाने पहुंचे दो पुलिसकर्मियों के साथ एक युवक व अन्य ग्रामीणों ने मारपीट कर दी और फरार हो गए। पुलिस ने आरोपितों के मकान में दबिश दी और तोडफ़ोड़ कर दी। इस पर एक आरोपित युवक ने खेत पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पुलिस के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित हो गए और देर रात तक हंगामा होता रहा। हंगामा होते देख पुलिस को ग्रामीणों और अक्षय के स्वजन की मांगें मांगनी पड़ी और आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की। एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले में लापरवाही सामने आने पर इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय, एसएसआइ उधम सिंह तालान, बरनावा पुलिस चौकी प्रभारी हरीश चंद त्यागी समेत 13 पुलिस वालों को लाइन हाजिर कर दिया है।अक्षय के पिता श्रीनिवास की तहरीर पर थाने में इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय, एसएसआइ उधम सिंह तालान, सिपाही अश्वनी व हेड कॉन्स्टेबल सलीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि पुलिस ने श्रीनिवास की पत्नी कुसुम से मारपीट करते हुए घर मे तोड़ फोड़ कर दी, जिससे प्रताड़ित होकर उसके बेटे अक्षय ने आत्महत्या कर ली। उधर, अक्षय और ग्रामीणों की दोनों मांग पूरी होने के बाद ही पुलिस को सुबह पौने सात बजे शव को उठाने दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। एएसपी, सीओ और एसडीएम रात भर गांव में ही डेरा डाले रहे। अक्षय के पिता आरएसएस के खंड संचालक है इसलिए आरएसएस के लोग भी गांव में पहुंचे और घटना की जानकारी ली।भाजपा के जिला अध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर का कहना है कि अक्षय के आत्महत्या के मामले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है। पीड़ित परिवार को फिलहाल पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। साथ ही पुलिस द्वारा मकान में की गई तोड़फोड़ से क्षतिग्रस्त हुए सामान के भी रुपये दिलाए जाएंगे। इस मामले में जो भी दोषी है सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। लाइन हाजिर की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं है, आरोपित पुलिसवालों को सस्पेंड कराया जाएगा।

यह है मामला

सोमवार की सुबह रंछाड़ गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोरोना टीकाकरण शिविर लगाया गया था। एएनएम रीतू तोमर, मुनेश देवी, शीतल व आशा संगिनी रीना टीकाकरण करने पहुंची थी। इस दौरान टीका लगवाने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। व्यवस्था बनाने के लिए माखर चौकी पर तैनात हेडकांस्टेबल सलीम व मुरली पहुंचे, तो पुलिसकर्मियों के साथ भी एक युवक व अन्य ग्रामीणों ने मारपीट कर दी। मारपीट में एक पुलिसकर्मी जमीन पर भी गिर गया। इसके बाद आरोपित फरार हो गए। इस घटना की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई।

देर रात भीड़ से घिरे रहे अफसर

घटना के बाद जिवाना, सिरसली, बामनोली समेत कई गांव के लोग रँछाड गांव में लोग मौके पर पहुंचे और आरोपित पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अक्षय के घर काफी संख्या में आक्रोशित लोगों का जमावड़ा है और आरोपित पुलिस वालों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे है। जब तक बिनौली थाने के आरोपित पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आ जाते और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता तब तक शव को नहीं उठने दिया जाएगा। उधर, देर रात एएसपी मनीष कुमार मिश्र और एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन उसे समय ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए शव को नहीं उठने दिया था।

स्वजन के सवाल का जवाब नहीं दे सके

पुलिस अधिकारी अक्षय के घर जब पुलिस अधिकारी शव को उठाने पहुंचे तो स्वजन ने उन्हें अधिकारियों से एक के बाद एक कर के सवाल पूछे लेकिन भीड़ में गिरे पुलिस अधिकारी अक्षय के संयोजन का एक भी जवाब नहीं दे सके और चुपचाप खड़े उनके आक्रोश भरी बातों को ही सुनते रहे भीड़ के सामने पुलिस असहाय नजर आई।

पीएसी के जवानों को दौड़ाया 

सोमवार को रात के समय जब पीएसी के जवान मौके पर जाते हुए अक्षय के घर के सामने को गुजर रहे थे तो महिलाओं ने पीएसी के जवानों को खरी-खोटी सुनाई देखते-देखते अक्षय के स्वजन और दूसरे लोग ने पीएसी के जवानों को दौड़ा लिया पीएसी के जवान जान बचाते हुए भागते दिखाई दिए। दो जवान एक गली में घुस गए उसके बाद मोबाइल से फोन कर वह अपने साथियों तक पहुंचे। हालांकि कई ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया।

तीन साल पहले एसओ के पद पर तैनात थे चंद्रकांत, लगे थे गंभीर आरोप

तीन साल पहले चंद्रकांत पांडेय बिनौली थाने के एसओ के पद पर तैनात थे। उन पर गंभीर आरोप लगे थे। लंबे समय तक विभागीय जांच चली थी। इस कारण उनका प्रमोशन भी रुक गया था। करीब छह माह पूर्व उनका दारोगा से इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन हुआ। एसपी अभिषेक सिंह ने करीब तीन माह पूर्व फिर से उनको बिनौली थाने की कमान सौंप दी थी। विवादित रहने के बाद दोबारा उसी थाने में तैनाती मिलने पर क्षेत्र के लोग पुलिस अफसरों के प्रति तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे। हालांकि किसी ने लिखित में कोई शिकायत नहीं की थी।

Sources: जेएनएन 

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