हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका जिन्होंने 76 गुमशुदा बच्चों को दी नई जिंदगी


 


दिल्ली पुलिस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीमा ढाका पहली ऐसी पुलिसकर्मी बन गई है जिन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। बयान के मुताबिक, सीमा ने 10 नहीं बल्कि 76 गुमशुदा बच्चों को ढूंढ निकाला है। इन बचाए गए बच्चों में से 56 की उम्र 14 वर्ष से कम है।



 


दिल्ली के समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल सीमा ढाका पहली ऐसी पुलिस कर्मी बनी है जिन्हें केवल तीन महीनों के बीच ही वक्त से पहले प्रमोशन मिल गया है। दिल्ली पुलिस ने सीमा को 76 गुमशुदा बच्चों को ढूंढ निकालने के लिए "आउट ऑफ टर्न प्रमोशन" से सम्मानित किया है। दिल्ली पुलिस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीमा ढाका पहली ऐसी पुलिसकर्मी बन गई है जिन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। बयान के मुताबिक, सीमा ने 10 नहीं बल्कि 76  गुमशुदा बच्चों को ढूंढ निकाला है। इन बचाए गए बच्चों में से 56 की उम्र 14 वर्ष से कम है। यह बच्चे न केवल दिल्ली बल्कि पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे दूसरे राज्यों से भी मिले हैं। 



 


नए प्रोत्साहन योजना ने एक साल के भीतर 14 वर्ष से कम उम्र के 50 से अधिक बच्चों को बचाने वाले कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबलों के लिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का वादा किया था जिसे सीमा ढाका ने पूरा करके दिखा दिया है।दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि इस योजना के तहत तीन महीनों में ही सीमा ने  56 गुमशुदा बच्चों को बचाया और वह आउट-ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली पहली पुलिसकर्मी बनने के लिए बधाई की पात्र हैं। उनके जज्बे और इन परिवारों की खुशी लौटाने के लिए उनको सलाम। 


सीमा ने अपने बयान में कहा कि "मैं एक मां हूं और कभी नहीं चाहती कि कोई अपना बच्चा खोए,"  "हमने बच्चों को बचाने के लिए लापता रिपोर्ट पर हर दिन चौबीसों घंटे काम किया।" सीमा ने इस साल अक्टूबर में पश्चिम बंगाल के एक गाँव से आई एक नाबालिग को ढुढंना "सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक" के रूप में देख रही थी। उन्होंने कहा कि लड़की की मां ने दो साल पहले शिकायत दर्ज की थी, लेकिन बाद में उसने अपना पता और मोबाइल नंबर बदल दिया।"हमने एक छोटे से गांव में जाकर बाढ़ के दौरान दो नदियों को पार किया,"। "हम किसी तरह बच्चे को बचाने में कामयाब रहे।"


 


Sources:Agency News



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