हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर वसूले जा रहे तीन से चार गुना अधिक रुपये


 


वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य होने के बाद परिवहन विभाग से इसे लेकर सख्ती बरती जा रही है लेकिन एजेंसियों पर इनका नियंत्रण नहीं है। एजेंसियों में निर्धारित शुल्क से तीन से चार गुना रुपये तक की वसूली की जा रही है। जनपद में दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए कुल 36 एजेंसियां हैं। इन पर ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण शुरू करा दिया गया है।
वाराणसी में कुल सात लाख वाहनों का पंजीयन हुआ है। इनमें साल 2018 के बाद के वाहनों में तो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा है लेकिन इसके पहले के पुराने वाहनों में उक्त नई तकनीक आधारित नंबर लगवाना अनिवार्य किया गया है। जनपद मे ऐसे वाहनों की संख्या 5.50 लाख तक है। इनमें तीन लाख 30 हजार तक दोपहिया वाहन हैं, जबकि डेढ़ लाख तक कार हैं। इसके बाद अन्य 20 हजार ऑटो, टैक्सी, बस, छोटे मालवाहक आदि हैं। इन सभी के लिए भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य किया गया है।


चल रहा करोड़ों का खेल:


एजेंसियों की ओर से मनमाना दाम वसूला जा रहा है। मसलन दो पहिया वाहन के लिए 350 रुपये शुल्क है, जबकि 1200 रुपये तक वसूली की जा रही है। इसी तरह तीन व चार पहिया वाहनों के लिए 650 रुपये शुल्क है। इसके लिए डेढ़ से दो हजार रुपये तक की वसूली हो रही है। अगर सभी वाहनों पर अधिकतम 500 रुपये की अवैध वसूली भी जोड़ें तो 27 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जा रही है।


अब तक लगे केवल 620 
अक्तूबर के बाद से अब तक महज 620 पुराने वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग पाई है। रफ्तार काफी कम है। विभाग की ओर से र्चेंकग अभियान भी पूरी तरह सुस्त है।


...तो नहीं होंगे काम 
आरटीओ प्रशासन ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर लगवाने की अंतिम तारीख 30 नवंबर है। इस तारीख तक उक्त नंबर प्लेट नहीं लगी तो संबंधित वाहन स्वामियों के फिटनेस, परमिट के काम प्रतिबंधित कर दिये जाएंगे।


 


Sources:Agency News


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