दिल्ली बॉर्डर पर हजारों किसानों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, यातायात प्रभावित


दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार सुबह ही लोगों को सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बंद रहने की जानकारी देते हुए अन्य मार्ग से जाने को कहा। उसने ट्वीट किया, ‘‘ सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से बंद है। कृपया दूसरे मार्ग से जाएं। मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर यातायात परिवर्तित किया गया है। भयंकर जाम लगा है।



 


नयी दिल्ली / केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है। प्रदर्शनकारियों ने आज राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गो को जाम करने की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केन्द्र के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए रविवार को कहा था कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए एक बैठक बुलाई थी। वहीं शनिवार को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान पहुंचे किसानों का वहां प्रदर्शन जारी है। प्रदशर्न के कारण शहर में यातायात प्रभावित हो रहा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार सुबह ही लोगों को सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बंद रहने की जानकारी देते हुए अन्य मार्ग से जाने को कहा। उसने ट्वीट किया, ‘‘ सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से बंद है। कृपया दूसरे मार्ग से जाएं। मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर यातायात परिवर्तित किया गया है। भयंकर जाम लगा है।



 


कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और रोहिणी से सिग्नेचर ब्रिज, जीटीके रोड, एनएच-44 और सिंघु बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड मार्ग पर जाने से बचें।’’ उसने अन्य एक ट्वीट में कहा, ‘‘ टीकरी बॉर्डर पर भी यातायात बंद है। हरियाणा के लिए सीमावर्ती झाड़ौदा, ढांसा, दौराला झटीकरा, बडूसरी, कापसहेड़ा, राजोकड़ी एनएच-8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं।’’ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा।


किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसम्बर की तय तारीख से पहले वार्ता की केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पेशकश पर बातचीत की गयी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकारने से मना कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघु तथा टीकरी बार्डरों पर डटे रहने की बात कही। उनके प्रतिनिधियों ने कहा था कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। उन्होंने दावा किया कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल’ है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को 32 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में ठंड के मौसम और कोविड-19 की परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा था कि किसानों को बुराड़ी मैदान जाना चाहिए, जहां उनके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।


 


Sources:Agency News



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