बलिया कांड में पुलिस को बड़ी सफलता, हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा बरामद


बलिया के दुर्जनपुर हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल रिवाल्वर बरामद कर लिया है। शुक्रवार की सुबह मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के घर के दक्षिण में नीम के पेड़ के पास जमीन में गाड़कर रखा गया रिवाल्वर बरामद कर लिया गया। 


धीरेंद्र को पुलिस ने इस समय अपनी कस्टडी में लिया है। बुधवार की सुबह से 48 घंटे  की रिमांड पुलिस को मिली है। धीरेंद्र को कस्टडी में लेने के बाद पुलिस उसे लेकर घर गई थी और झाड़ियों के साथ ही घर के कोने कोने में रिवाल्वर की तलाश की गई थी। बताया जा रहा है कि एक झाड़ी के पास से बुधवार को ही कुछ खोखे भी पुलिस को बरामद हुए थे। 


बुधवार की पूरी रात धीरेंद्र से पूछताछ चली। इसके बाद बाद सुबह सुबह एक बार फिर पुलिस धीरेंद्र को लेकर उसके घर पहुंची और उसकी निशानदेही पर घर के दक्षिण में स्थित नीम के पेड़ के नीचे मिट्टी में दबाए गए रिवाल्वर को बरामद कर लिया। बताया जाता है कि यह वही रिवाल्वर है जिसका लाइसेंस भी धीरेंद्र के पास है। पुलिस पहले ही लाइसेंस कैंसिल करने की बात कह चुकी है।


केस दर्ज कराने को कोर्ट की शरण में पहुंचा आरोपित पक्ष
बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह का परिवार भी अपने ऊपर हुए हमले की एफआईआर दर्ज कराने अब कोर्ट पहुंच गया है। घटना  के दो दिन बाद ही क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह के साथ परिवार की महिलाएं एफआईआर के लिए थाने गई थी लेकिन केस नहीं दर्ज हो सका था।


गुरुवार को परिवार की महिलाओं ने एफआईआर नहीं दर्ज होने पर आत्मदाह तक की चेतावनी दी थी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें समझाया था। शुक्रवार को धीरेंद्र की भाभी आशा ने न्यायालय में याचिका दाखिल कर एफआईआर की मांग की। उन्होंने ग्राम प्रधान समेत दो दर्जन पर आरोप लगाया है। 


ये था मामला :
बलिया जिले के रेवती थाना इलाके के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में 15 अक्तूबर को हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन को लेकर खुली बैठक की जा रही थी। इस दौरान विवाद हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे।


इस दौरान पुलिस के सामने ही मुख्य आरोपी धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इससे जयप्रकाश पाल (45) की गोली लगने से मौत हो गई। इस मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के 72 घंटे के बाद यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया था।


Source:Agency News


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