भारत-चीन तनाव -चीन ता नया पैतरा,कर रहा नेपाल के तिंकर तक सड़क बनाने की तैयारी


भारत-चीन में लद्दाख सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन की नई चालबाजी सामने आई है। चीन ने भारत को ‘घेरने’ के लिए अब नेपाली क्षेत्र तिंकर में विकास के नाम पर सड़क निर्माण कराने का ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसका प्रस्ताव चीन ने नेपाल सरकार को भेज भी दिया है। 


चीन-नेपाल बॉर्डर से लगा तिंकर वह उच्च हिमालयी क्षेत्र है, जहां से भारत-नेपाल सीमा के अंतिम गांव छांगरु (उत्तराखंड राज्य) की दूरी  महज 20 किमी रह जाती है। इस महत्वपूर्ण इनपुट के सामने आने से खुफिया तंत्र अलर्ट हो गया है। चीन सीमा से नेपाल के उच्च हिमालयी माइग्रेशन गांव तिंकर की दूरी 12 किमी है।


खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने विकास कार्यों का हवाला देते हुए तिंकर गांव तक सड़क पहुंचा चाहता है। इसके पीछे चीन की मंशा भारत पर सीधी नजर बनाने की बताई जा रही है। चीन की इस पैंतरेबाजी के पीछे रणनीतिक तौर पर दीर्घकालिक लाभ उठाने की मंशा बताई जा रही है।


छांगरू पहुंचना चाहता है चीन  
नेपाल की चीन सीमा तिंकर से लगी हुई है। उच्च हिमालयी क्षेत्र के माइग्रेशन गांव तिंकर से भारत की सीमा की दूरी 20 किमी से भी कम है। इस तरह चीन नेपाल से लगी एलओसी से 12 किमी दूर तिंकर गांव के विकास के बहाने वहां तक सड़क पहुंचाकर नेपाल की जमीन का उपयोग छांगरू से सीधे भारत पर नजर रखने के लिए करना चाहता है। भारत सीमा पर गब्र्यांग के सामने नेपाल का अंतिम गांव छांगरू है।



नेपाल की सहमति का इंतजार
चीन तिंकर सड़क निर्माण का प्रस्ताव नेपाल को दे चुका है। अब उसे नेपाल सरकार की सहमति की प्रतीक्षा है। बताया जा रहा है कि नेपाल के अंदर लोग तिंकर क्षेत्र में चीनी सहयोग से एलओसी से उसके चीन सीमा के अंतिम गांव तक सड़क पहुंचाने के पक्ष में नहीं है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी नेपाल चीन की इस पेशकश को लेकर जल्दबाजी में निर्णय लेने से बच रहा है।



बीआरओ ने तेज किया चौड़ीकरण का कार्य

धारचूला /  भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले लिपूलेख सड़क में बीआरओ ने चौड़ीकरण का काम तेज कर दिया है। तवाघाट से 110 किमी लंबी चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपूलेख सड़क में 30 से भी अधिक स्थान ऐसे हैं जहां वाहनों को तीखी ढ़लान और तीखे मोड़ होने से दिक्कत होती है। इसी मुश्किल को आसान करने के लिए केंद्र के निर्देश पर बीआरओ ने काम शुरू कर दिया है। इसी साल 8 मई को चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपूलेख सड़क का केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ ने ऑन लाइन शुभारंभ किया था। 


भारत पर निगरानी को स्थापित की दो बीओपी 

 

झूलाघाट / नेपाल ने भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए फिर से दो बीओपी स्थापित की हैं। चितवन के माणी नगर पालिका क्षेत्र में नेपाल ने दो प्राथमिक स्कूलों को खाली कर बीओपी स्थापित की हैं।  यह नेपाल की भारत को रणनीतिक आधार पर घेरने की तैयारी बताई जा रही है।

 

नेपाल इससे पूर्व भी दार्चुला व बैतड़ी में 12 से अधिक बीओपी स्थापित कर चुका है। रोटी-बेटी के रिश्तों को दरकिनार कर नेपाल भारत को रणनीतिक आधार पर घेरने की तैयारी में जुटा है। बताया जा रहा है कि नेपाल ने चितवन क्षेत्र में एक ही दिन में दो बीओपी स्थापित की हैं। बागमती प्रदेश के सशस्त्र प्रहरी बल मुख्यालय 3 के सेनानायक नायब महानिरीक्षक मनदीप श्रेष्ठ को बीओपी का शुभारंभ करने वहां बुलाया गया।

 

सशस्त्र प्रहरी बल 17 चितवन के एसपी दीपक कुमार थापा ने नेपाली मीडिया में यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि सीमा क्षेत्र को मजबूत करने व वहां हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए चितवन के माड़ी नगर पालिका एक गर्दी स्थित दो स्कूलों केदारेश्वर प्राथमिक विद्यालय व राई डंडा प्राथमिक विद्यालयों को खाली कर उनमें बीओपी स्थापित की हैं।  


मार्ग में तकनीकी दिक्कतों को सही करने का कार्य हो रहा है। कल और आज आम लोगों की आवाजाही के लिए मार्ग खुला था। आवश्यकता के अनुसार बीआरओ को स्थानीय लोग भी सहयोग करते हैं। मार्ग पर कार्य चल रहा है।
अनिल कुमार शुक्ला उपजिलाधिकारी धारचूला 


Source:Agency News


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