सात महीने से लापता उत्तराखण्ड के वीर हवलदार राजेन्द्र नेगी का शव मिला


मई में सेना ने बैटल कैजुअल्टी घोषित किया था। मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र ने कहा शहीद की पार्थिव देह मिलने असमंजस की स्थिति समाप्त हुई।


8 जनवरी 2020 को यानी सात महीने पहले जम्मू कश्मीर सीमा पर लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल के जवान राजेंद्र नेगी का शव कश्मीर में गुलमर्ग एलओसी के पास मिल गयी है।


हवलदार राजेन्द्र सिंह नेगी मूल रूप से चमोली गैरसैंण के पज्याणा के निवासी हैं और वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में रहता है। आज स्वतंत्रता दिवस के दिन उनकी यूनिट ने राजेन्द्र सिंह नेगी के परिवार को शव मिलने की सूचना दी। 8 जनवरी 2020 को नियंत्रण रेखा (LOC) पर ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन के कारण वे भारी बर्फ में समा गये थे।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर पोस्ट किया कि 11 गढवाल राइफल्स के शहीद जवान राजेन्द्र सिंह नेगी जी की पार्थिव देह आखिर मिल ही गई। शहीद की शहादत को सलाम। राज्य सरकार परिजनों के साथ है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करे|



बताते चलें कि काफी समय तक सेना ने हवलदार राजेन्द्र को ढूंढने का प्रयास किया किंतु खोजबीन के बाद भी जब शव न मिल सका अतः सेना ने मई 2020 में उनको बैटल कैजुअल्टी घोषित कर दिया । रविवार को वीरगति प्राप्त राजेन्द्र नेगी का शव दिन तक दिल्ली पंहुचना है । रविवार शाम तक उनका शव देहरादुन पहुंचेगा और गैरसैंण से परिजन भी देहरादून पंहुच जाएंगे। सोमवार 17 अगस्त 2020 को हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाना है।


हालांकि पूर्व में शहीद की पत्नी राजेेश्वरी द्वारा शव नहीं मिलने तक खुद को विधवा मानने से मना किया गया था। उनके इस दुख की घड़ी में हम सब साथ हैं।


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