लखनऊ/ भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले लोटन राम निषाद की संगठन से हुई छुट्टी


लखनऊ/  भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले लोटन राम निषाद की संगठन से हुई छुट्टी


भगवान राम पर विवादित बयान देने वाले लोटन राम निषाद हटाए गए, राज्यपाल कश्यप (एमएलसी) को समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया. भगवान राम पर विवादित बयान देने वाले लोटन राम निषाद को अखिलेश यादव ने आखिरकार हटा दिया, भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले बड़बोले नेता के बयान से समाजवादी पार्टी की खूब किरकिरी हो रही थी. लोटन राम निषाद ने अयोध्या में भगवान राम पर विवादित बयान दिया था.


आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष लौटन राम निषाद ने भगवान राम को लेकर दो दिन पूर्व विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े करते हुए, उन्हें फिल्म के पात्र जैसा काल्पनिक बताया था. समाजवादी पार्टी नेता लोटन राम निषाद यहीं नहीं रूके, उन्होंने अपनी जानकारी व्यक्त करते हुए आगे कहा कि संविधान भी यह मान चुका हैकि भगवान राम जैसा कोई नायक भारत में पैदा हुआ ही नहीं.


सपा नेता लोटन राम निषाद ने भगवान श्रीराम के बारे में मीडिया कर्मियों से कहा था कि...


राम का मंदिर बने चाहे कृष्ण का मंदिर, मुझे उससे कुछ नहीं लेना देना, राम के प्रति मेरी आस्था नहीं है, यह मेरा व्यक्तिगत विचार है. मेरी आस्था अगर है, तो वो है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बनाए हुए संविधान पर है, कर्पूरी ठाकुर में है, छत्रपति शिवाजी महाराज में है, जिनसे हमें पढ़ने का, लिखने का, सरकारी नौकरियों में कुर्सी पर बैठने का अधिकार संविधान से मिला है. ज्योतिबा फुले से मिला है, सावित्री बाई फुले से मिला है इसलिए जिनसे मेरा डायरेक्ट लाभ हुआ है, मैं उनको जानता हूं. राम थे या नहीं थे, उनके अस्तित्व पर भी मैं प्रश्न चिह्न खड़ा करता हूं. राम एक काल्पनिक पात्र हैं, जैसे फिल्म की स्टोरी बनाई जाती है, वैसे ही राम एक स्टोरी के पात्र हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं है. संविधान भी कह दिया हैकि राम नाम का कोई नायक पैदा नहीं हुआ था, भारत में राम नाम का कोई पैदा ही नहीं हुआ था.


ओछी राजनीति करने वाले लोटन राम निषाद के इस बयान से, सीधा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर उंगलियां उठने लगी थीं. भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर चंद्रमोहन ने कहा साफ तौर पर कहा था कि सपा का कोई नेता अगर भगवान राम पर टिप्पणी करता है, तो यह स्वाभाविक रूप से माना जाएगा कि वो अखिलेश यादव की टिप्पणी है. अखिलेश यादव इस पर टिप्पणी करें. एक तरफ भगवान राम भगवान विष्णु का मंदिर बनाने की बात करते हैं. दूसरी तरफ भगवान परशुराम का मंदिर बनाने की बात करेंगे, लेकिन भगवान राम के बारे में अगर ऐसी टिप्पणी आएगी तो पता चलता हैकि समाजवादी पार्टी केवल ओछी राजनीति करना चाहती है. इससे उनकी आस्था और सही चरित्र का पता चलता है. लोटन राम निषाद के मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पर की गई टिप्पणी पर गुणा गणित लगाते हुए आखिरकार बड़बोले नेता जी की छुट्टी हो गई उन्हें समाजवादी पार्टी द्वारा दिये गए पद से मुक्त कर दिया गया है.


Source :Agency news 


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