उत्तराखंड सिख फेडरेशन ने मेयर को सौंपा ज्ञापन| स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जस्सा सिंह की मूर्ति हटाने का था मामला


ट्रांस्पोर्ट नगर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 जस्सा सिंह अहलूवालिया की मूर्ति हटाये जाने के विरोध में यूनाइटेड सिख फैडरेशन ने मेयर सुनील उनियाल गामा को दिया ज्ञापन। देष की विभूतियों से अधिक षराब को महत्व दिये जाने पर जताया रोश।


यूनाइटेड सिख फैडरेशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह के नेतृत्व में फैडरेषन के पदाधिकारियों तथा सिख व पंजाबी समाज के लोगों ने देहरादून नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेशित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 जस्सा सिंह अहलूवालिया की मूर्ति हटाये जाने का विरोध किया।


प्रतिनिधिमण्डल ने मेयर सुनील उनियाल गामा को अवगत कराया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्श 2016 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 जस्सा सिह अहलूवालिया जी की मूर्ति स्थापित की गई थी। परन्तु संज्ञान में आया है कि उसी स्थान पर षराब का ठेका खोला जा रहा है जिसके कारण मूर्ति को अन्यत्र स्थानन्तरित करने का निर्णय लिया गया है।


प्रतिनिधिमडल ने कहा कि संयुक्त पंजाब के प्रथम सम्राट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 जस्सा सिंह जी न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे अपितु सिक्ख पंथ के नेता भी थे जिन्होंने अफगानी आतताई अहमदषाह अब्दाली से हिन्दू युवतियों की रक्षा भी की थी जिसके कारण वे सिक्ख धर्म में उन्हें बन्दी छोड के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा भी स्व0 जस्सा सिंह जी ने कई ऐसे कार्य किये जिनके लिए वे सदैव याद किये जाते हैं। षराब की दुकान को बचाने के लिए ऐसे मूर्धन्य महापुरूश एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जस्सा सिंह की मूर्ति हटाये जाने का निर्णय सर्वथा अनुचित एवं निन्दनीय है तथा इससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार षराब माफिया के सामने नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जस्सासिंह अहलूवालिया जी की मूर्ति को हटाना आजादी के नायकों का अपमान होगा। प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मूर्ति को षराब की दुकान की भेंट चढ़ाने के किसी भी प्रयास का हम पुरजोर विरोध करते हैं तथा मांग करते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मूर्ति को यथा स्थान बनाये रखा जाय तथा उसके सामने खोले गये षराब के ठेके को अन्यत्र स्थानन्तरित किया जाय। यदि मूर्ति को हटाने का प्रयास किया गया तो सिख व पंजाबी समाज इसके लिए सडकों पर उतर कर आन्दोलन करेगा।


मेयर सुनील उनियाल गामा ने प्रतिनिधिमण्डल को आष्वासन दिया कि मूर्ति को हटाया नहीं जायेगा अपितु उस स्थान का सौन्दयीकरण करवाया जायेगा।


प्रतिनिधिमण्डल में अमरजीत सिंह के अलावा पंजाबी महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, सेवा सिह मठारू, बलवीर सिह साहनी, इरमोहिन्दर सिंह, जगजीत सिंह, मनजीत सिंह, बलदेव सिंह, सोहन सिंह, जसपाल सिंह, हरविन्दर सिंह रतन, देवेन्द्रपाल सिह, हरेन्द्र सिंह एवं कार्तिक चांदना सहित पंजाबी समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति षामिल थे।


Source :Through whatsapp 


 


 


 


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