गड़बड़झाला: परीक्षा यूपीसीएल की, नौकरी यूजेवीएनएल में


देहरादून। वर्ष 2002 व 2003 में उत्तरांचल जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) द्वारा बगैर किसी औपचारिकता पूर्ण किए 7 व्यक्तियों को रातो-रात अवर अभियंता बना दिया गया था। इस पूरे प्रकरण में आश्चर्यजनक है कि, यूपीसीएल द्वारा वर्ष 2001 में अवर अभियंता के पदों हेतु विज्ञापन जारी किया गया था तथा इस प्रक्रिया में शामिल 5 व्यक्तियों, जोकि फाइनल सलेक्शन में अनुत्तीर्ण हो गए थे, उनको यूजेवीएनएल द्वारा नियुक्तियां प्रदान कर दी गई तथा दो अन्य व्यक्तियों को संविदागत नियुक्ति प्रदान की गई थी, जिसका यूजेवीएनएल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था।


गत वर्ष एसोसिएशन ने की थी कार्रवाई की मांग


पूरे प्रकरण पर जनसंघर्ष मोर्चा ने सवाल खड़े किए। साथ ही मोर्चा अध्यक्ष ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि, उक्त अभियंताओं द्वारा अधिकारियों व विभाग से सांठ-गांठ कर इन 17-18 वर्षों में सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता के पदों पर पदोन्नति भी हासिल कर ली। उल्लेखनीय है कि, इन तमाम अनियमितताओं को लेकर विभाग के सहायक अभियंताओं तथा उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2019 में प्रबंध निदेशक, यूजेवीएनएल से भी शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


मोर्चा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि, विभाग में भ्रष्टाचारियों का इतना बोल बाला है कि, शासन तक के अधिकारियों को ये भ्रष्ट अपने लपेटे में लेकर मनमाफिक काम करवा लेते हैं। इस भ्रष्ट विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर एवं मोटी उगाही कर दर्जनों लोगों को इसी प्रकार नौकरियां बांटी गई हैं। मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि, यूजेवीएनएल में हुई फर्जी नियुक्तियों के मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर सरकार को निर्देश दे।


Source :Bright post


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