कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया, लॉकडाउन को बढ़ाया जाए

उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समूह (जीओएम) की बैठक में लॉकडाउन को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया। बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया कि इस हफ्ते स्थिति देखने के बाद ही लॉकडाउन को लेकर फैसला लिया जाएगा। लेकिन कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या और राज्यों की ओर से उठती मांग को देखते हुए लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी कुछ दिन और बढ़ाया जा सकता है। ध्यान देने की बात है कि सरकार लॉकडाउन को खत्म करने को लेकर एक विस्तृत प्लान पर विचार कर रही है, ताकि कोरोना को फैलने से रोका भी जा सके और देश के बाकि हिस्से में आर्थिक गतिविधियों को शुरू भी किया जा सके।


रक्षामंत्री के निवास पर हुई मंत्रिमंडलीय समूह की बैठक


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर मंत्रिमंडलीय समूह की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के साथ अन्य मंत्री मौजूद थे। बैठक में देश में कोरोना वायरस के मौजूदा हालात को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। लेकिन 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या खत्म करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा अभी नहीं लिया गया फैसला


बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने साफ किया कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और अंतिम समय में हालात को देखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर लव अग्रवाल ने साफ-साफ कुछ भी बोलने से मना कर दिया। जबकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने लॉकडाउन को कोरोना को रोकने में सफल बताते हुए इसका फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है।


राजनीतिक दलों के नेताअों से पीएम मोदी आज करेंगे चर्चा


जबकि केरल ने लॉकडाउन को अचानक खत्म करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से हटाने की सलाह दी है। राज्यों की ओर से बढ़ती मांग को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार लॉकडाउन को कुछ और दिनों के लिए बढ़ा सकती है है। लेकिन यह निर्णय देश हित और सभी राजनीतिक दलों को भरोसे में लेकर ही किया जाएगा। ध्यान देने की बात है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं के साथ कोरोना के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। इसके पहले प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर दो बार चर्चा कर चुके हैं। 14 अप्रैल के पहले वे मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर चर्चा कर सकते हैं।


तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र भी एक्‍सटेंशन के पक्ष में


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की केरल यूनिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर लॉकडाउन तीन सप्‍ताह के लिए बढ़ाने की मांग की है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी लॉकडाउन के दो सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है। महाराष्‍ट्र सरकार ने कहा है कि वह केंद्र से निर्देशों और डब्ल्यूएचओ की एडवायजरी का इंतजार कर रहे हैं। लॉकडाउन पर फैसला 10-14 अप्रैल के बीच कर लिया जाएगा। कर्नाटक सीएम बीएस येदियुरप्‍पा ने भी कहा है कि अभी जैसे हालात हैं, मुझे नहीं लगता लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्‍म होगा। यह तभी खत्‍म होगा जब लोग पूरी तरह कोऑपरेट करेंगे और घरों से नहीं निकलेंगे। उत्‍तर प्रदेश में भी लॉकडाउन हटाने की संभावना कम ही है।


कई राज्य 14 के बाद भी लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं


दिल्ली, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान की सरकार 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन को पूरी तरह से खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है। ज्यादातर सरकारों का मानना है कि यकायक लॉकडाउन हटा दिया गया तो हालात बिगड़ सकते हैं। ऐसे में वह स्थितियों का आकलन और विशेषज्ञों से विमर्श करेंगी, जिसके बाद ही निर्णय लेंगी। उनका मानना है कि उन जिलों में लॉकडाउन जारी रखा जाएगा, जहां से कोरोना पीडि़तों के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश और हरियाणा ने आरोप लगाया है कि तब्लीगी जमातियों की वजह से हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं। उधर, पंजाब सरकार भी 10 अप्रैल इस संबंध में बैठक करेगी, जिससे


शिवराज बोले, जरूरत पड़ी तो बढ़ेगा लॉकडाउन


मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने भी लॉकडाउन जारी रखने का इशारा किया है। उन्‍होंने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि लोगों का जीवन ज्‍यादा आवश्‍यक है। अर्थव्‍यवस्‍था फिर से खड़ी की जा सकती है लेकिन अगर लोग मर जाएंगे तो हम उन्‍हें कैसे वापस लाएंगे? इसीलिए अगर जरूरत पड़ती है तो हम लॉकडाउन को बढ़ाएंगे। इस बारे में हालात के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।’ मध्‍य प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं।


कोरोना केसों के आधार पर चार कैटेगरी में बंटेंगे राज्य


वहीं कोरोना संक्रमण में किसी नरमी के संकेत नहीं मिलने के बीच सरकार इस मंथन में जुट गई है कि आखिर इससे बाहर आने का रास्ता कैसे बने। फिलहाल जो मेगा प्लान प्रस्तावित है उसके तहत सभी राज्यों को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा और उसी हिसाब से अलग-अलग राज्यों या फिर जिलों में लॉकडाउन हटाने और सेवा शुरू करने के बारे में सोचा जा रहा है। इनमें ज्यादा एक्टिव कोरोना वाले इलाकों में लॉकडाउन से छूट नहीं दी जाएगी। लेकिन जिन राज्यों में पिछले सात दिन से कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया हो, वहां राहत मिल सकती है। नए केस आने की स्थिति में नए सिरे से प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।


यह तो तय है कि लॉकडाउन एक साथ खत्म नहीं होगा


ध्यान देने की बात है कि 24 मार्च की मध्यरात्रि से पूरे देश में तीन हफ्ते के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है। यह तो तय है कि लॉकडाउन एक साथ खत्म नहीं होगा। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के बाद सोमवार को मंत्रियों के साथ चर्चा में भी प्रधानमंत्री ने यही संकेत दिया।


सूत्रों के अनुसार, एक्जिट प्लान का जो ड्राफ्ट तैयार है उसके अनुसार राज्यों की कैटेगरी कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या के आधार पर तय होगी। वहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मरीजों की संख्या कितनी है। मानक का एक आधार यह भी होगा कि पिछले सात दिन में कोरोना का कोई केस सामने आया है या नहीं। अधिक जिलों वाले बड़े राज्यों और छोटे राज्यों के लिए मानकों में फेरबदल किया जाएगा। इन मानकों के आधार पर राज्यों को चार कैटेगरी में रखा जाएगा।


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