धरनास्थल प्रकरण में विभिन्‍न संगठन कर रहे हैं हाईकोर्ट जाने की तैयारी

 




देहरादून/परेड मैदान स्थित धरना स्थल शिफ्ट किए जाने के बाद विभिन्न संगठनों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। इस विषय को लेकर कचहरी स्थित शहीद स्थल पर बैठक आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न संगठनों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया तथा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए।शहीद स्मारक पर गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान, पीपुल्स फ्रंट, उत्तराखंड आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, संविधान बचाओ संघर्ष समिति, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ आदि के संयुक्त नेतृत्व में संपन्न हुई बैठक में धरनास्थल को लेकर हुई कार्रवाई की कड़ी भ‌र्त्सना की गई। संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम पूर्ण रूप से गैर जिम्मेदाराना है। न सिर्फ भारत के संविधान का उल्लंघन है बल्कि सरकार की असंवेदनशीलता को भी दर्शाता है। प्रशासन द्वारा बिना समय दिए जिस प्रकार से कार्रवाई की है वह हिटलरशाही है। सभी संगठनों ने एक सुर में कहा कि धरनास्थल पर बैठे संगठनों से कभी भी शासन प्रशासन ने संवाद स्थापित नहीं किया। सभी ने वर्तमान सरकार को अलोकतांत्रिक और तानाशाही बताया और कहा कि सरकार जनता की आवाज दबाने का कोशिश कर रही है। बैठक में तय किया गया कि उच्च न्यायालय व पुलिस शिकायत प्राधिकरण में धरना स्थल पर अवैधानिक ढंग से हुई कार्रवाई की शिकायत की जाएगी। सभी संगठन शुक्रवार 13 मार्च को परेड मैदान स्थित धरना स्थल से चार कलश में मिट्टी एकत्र करेंगे और उन कलश को लेकर गांधी पार्क जाएंगे। जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर ले जाकर मौन उपवास करेंगे। इन चार कलश में एक कलश बेरोजगार संगठन को सौंपा जाएगा, ताकि संघर्ष का इतिहास नवीन धरना स्थल पर भी जीवित रहे। एक कलश शहीद स्मारक पर लाया जाएगा व एक कलश स्थाई और पूर्ण कालिक राजधानी निर्माण के आंदोलन को साकार करने के लिए गैरसैंण ले जाया जाएगा। स्थायी राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग को लेकर एक कलश यात्रा पूरे उत्तराखंड में आयोजित की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता राज्य आंदोलनकारी और गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के प्रमुख रणनीतिकार मनोज ध्यानी ने की। जबकि संचालन अधिवक्ता प्रमिला रावत ने किया। इस दौरान दौलत कुवंर, प्रदीप कुकरेती, रेखा नेगी, वरिष्ठ अधिवक्ता रजिया बेग, विजय बौड़ाई, मदन सिंह भंडारी, विजय सिंह रावत, रविन्द्र प्रधान, गीता बिष्ट, बृजमोहन सिंह नेगी, संजीव घिल्डियाल, सुरेंद्र सिंह रावत, सोहन सिंह रावत, इंद्रेश मैखुरी, राकेश चंद्र सती, गिरीश मैंदोली, सरदार खान, सुशील कैंथुरा, आनंद प्रकाश जुयाल, लताफत हुसैन, रईश फातिमा, नजमा खान, हिमांशु चैहान, सुनील ध्यानी, हरीश रावत, विक्रम सिंह राणा, विपिन भंडारी आदि मौजूद रहे।


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