हेडमास्टर-प्रधानाचार्यों के पद रिक्त, पठन-पाठन प्रभावित होने पर मंत्री ने जताई चिंता
देहरादून : नैनीताल उच्च न्यायालय में शिक्षकों के स्थानांतरण और वरिष्ठता से जुड़े परिवादों के शीघ्र निस्तारण को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पेशल अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों को इसके लिए पत्रावली तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एडवोकेट जनरल और मुख्य स्थायी अधिवक्ता को शिक्षा विभाग से जुड़े मामलों की पुरजोर पैरवी करने के लिए कहा गया है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देर शाम अपने सरकारी आवास पर विभागीय प्रकरणों की समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में एडवोकेट जनरल एस.एन. बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता सी.एस. रावत, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप जोशी, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव कार्मिक एवं वित्त नवनीत पांडेय सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की वरिष्ठता विवाद का निस्तारण न होने के कारण हेडमास्टर और प्रधानाचार्यों के सैकड़ों पद रिक्त पड़े हैं, जिससे विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। स्थानांतरण लंबित होने से भी कई विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं और शिक्षकों द्वारा शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार करने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
बैठक में शिक्षकों की वरिष्ठता, स्थानांतरण और सहायक अध्यापक एलटी भर्ती से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा हुई। एडवोकेट जनरल ने बताया कि इन सभी प्रकरणों की सुनवाई उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और लगातार पैरवी की जा रही है। वरिष्ठता प्रकरण की अगली सुनवाई 23 सितंबर और एलटी भर्ती प्रकरण की सुनवाई 18 सितंबर को नियत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एलटी भर्ती का मामला मुख्य रूप से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और अभ्यर्थियों के बीच का है, लेकिन विभाग इसकी भी अदालत में पैरवी कर रहा है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि आगामी सुनवाई की तिथियों पर संतोषजनक निर्णय नहीं आता है तो विभाग डबल बेंच में स्पेशल अपील करेगा। इसके लिए अधिकारियों को शीघ्र पत्रावली तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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