गृहयुद्ध से जूझते यमन में इजराइल की दखलअंदाजी से हालात और बिगड़े

 


यमन में एक बार फिर हिंसा ने दर्जनों परिवारों को तबाह कर दिया है।  इजराइली वायुसेना ने हूती विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 130 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मरने वालों में आम नागरिक भी शामिल बताए जा रहे हैं। हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित यमन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आंकड़ों की पुष्टि की है।

जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा नुकसान राजधानी सना में हुआ, जहां इजराइली लड़ाकू विमानों ने सैन्य मुख्यालय और एक ईंधन स्टेशन पर बमबारी की। अचानक हुए इन हमलों से पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के घरों की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं और कई इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।

इस हमले के पीछे की वजह हाल ही में हूती विद्रोहियों द्वारा इजराइल के एक हवाई अड्डे पर ड्रोन हमला बताया जा रहा है। उस हमले में बड़े पैमाने पर नुकसान की खबर आई थी। इजराइल ने इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा खतरा मानते हुए जवाबी कार्रवाई की और यमन की राजधानी समेत कई इलाकों को निशाना बनाया।

हमले के बाद से अस्पतालों में घायलों की भीड़ उमड़ पड़ी है। स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही युद्ध और लगातार हो रहे हमलों के कारण चरमराई हुई हैं। अब अचानक इतने अधिक घायल मरीजों के आने से हालात और बिगड़ गए हैं। स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि कई गंभीर रूप से घायल मरीजों को बचाने के लिए तत्काल मेडिकल उपकरण और दवाओं की जरूरत है।

यमन पिछले कई सालों से गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। एक तरफ हूती विद्रोही हैं, जिनका नियंत्रण राजधानी सना और कई उत्तरी हिस्सों पर है, तो दूसरी ओर सऊदी समर्थित सरकार है। अब इस संघर्ष में इजराइल की सीधी दखलअंदाजी ने हालात को और पेचीदा बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला केवल यमन और इजराइल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर पूरे मध्य पूर्व में देखने को मिल सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि आम नागरिक हर बार इन संघर्षों की कीमत चुका रहे हैं। पहले से ही भुखमरी, बेरोजगारी और दवाओं की कमी से जूझ रहे लोग अब हवाई हमलों में अपनों को खो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस हमले की निंदा करते हुए तत्काल शांति वार्ता की अपील की है। हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए निकट भविष्य में यमन में शांति की उम्मीद बेहद धुंधली लग रही है।

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