दोहरे हत्याकांड में दोषी बसपा के पूर्व विधायक छोटे सिंह को उम्रकैद
उरई : 1994 के चर्चित दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिए गए बसपा के पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया। एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश भारतेंदु सिंह ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद रही, जिसके चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
यह मामला 30 मई 1994 का है, जब चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा बैध गांव में प्रधान चुनाव की रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में दो सगे भाई राजकुमार उर्फ राजा भइया और जगदीश शरण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के दौरान फायरिंग में वीरेंद्र सिंह भी घायल हुए थे। मृतकों के भाई रामकुमार की तहरीर पर कई आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें छोटे सिंह चौहान का नाम भी शामिल था।
मामले की सुनवाई 1995 में जिला एवं सत्र न्यायालय में शुरू हुई थी। वर्ष 2007 में छोटे सिंह बसपा के टिकट पर कालपी से विधायक बने। इस दौरान हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई और प्रदेश सरकार ने केस वापस ले लिया। इसके बाद 2005 में अपर सत्र एफटीसी ने पत्रावली समाप्त कर दी थी। लेकिन वादी पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां से 24 अप्रैल 2024 को प्रदेश सरकार का आदेश निरस्त करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में शीघ्र सुनवाई का आदेश दिया गया। इसी सुनवाई के आधार पर छोटे सिंह चौहान को दोषी करार दिया गया और 11 सितंबर को सजा का ऐलान होना तय था।
सजा सुनाए जाने से पहले छोटे सिंह चौहान फरार हो गए थे, लेकिन गुरुवार को उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
वहीं, पूर्व विधायक ने खुद को राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बताया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है, लेकिन उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि संघर्ष की रात के बाद नया सवेरा जरूर होगा और वे अपने समर्थकों की आवाज को बुलंद करते रहेंगे।
कोर्ट के फैसले से उनके समर्थक आक्रोशित नजर आए, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने हालात काबू में कर लिए। यह फैसला न केवल इलाके में बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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