राजनीति और समाज सेवा में अमिट छाप छोड़ गईं पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह

 


देहरादून : उत्तराखंड के कर्णप्रयाग क्षेत्र में राजनीति और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाली थराली की पूर्व विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह का निधन हो गया है। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। बताया जा रहा है कि मुन्नी देवी शाह पिछले करीब तीन महीनों से अस्वस्थ थीं और लगातार बीमारियों से जूझ रही थीं। इस दौरान उनका इलाज पहले दिल्ली में और बाद में देहरादून स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था। चिकित्सकों की देखरेख में उपचार जारी रहने के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया और शनिवार को उन्होंने देहरादून में अंतिम सांस ली।

मुन्नी देवी शाह का राजनीतिक सफर बेहद सक्रिय और जनसेवा के प्रति समर्पित रहा है। थराली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहते हुए उन्होंने क्षेत्र के विकास, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत सुविधाओं के सुधार के लिए कई योजनाओं को आगे बढ़ाया। उनकी सरलता, मिलनसार स्वभाव और जनता के बीच लगातार बने रहने की आदत ने उन्हें एक लोकप्रिय जननेता के रूप में स्थापित किया।

उनके निधन की खबर से न केवल थराली, बल्कि पूरे कर्णप्रयाग और आसपास के क्षेत्रों में गहरा दुख व्याप्त है। स्थानीय लोगों, समर्थकों और राजनीतिक सहयोगियों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। कई लोगों ने उन्हें एक ऐसी महिला नेत्री के रूप में याद किया, जिन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान हर वर्ग की समस्याओं को अपनी प्राथमिकता में रखा और जनता के बीच विश्वास की एक मजबूत छवि बनाई।

शनिवार को ही कर्णप्रयाग के पवित्र संगम तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए लोगों के बीच रखा जाएगा, जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। इस अवसर पर क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और आम जनता मौजूद रहेंगे।

मुन्नी देवी शाह का जाना उत्तराखंड की राजनीति और सामाजिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके कार्य और योगदान लंबे समय तक लोगों की स्मृतियों में जीवित रहेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

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