जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से 11 की मौत, कई लापता
जम्मू-कश्मीर : कई इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। अधिकारियों ने शनिवार को पुष्टि की कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुए भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं में अब तक कम से कम 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे दर्दनाक हादसा रियासी जिले के माहोरे इलाके के बद्दर गांव में हुआ, जहां शुक्रवार तड़के भारी बारिश से हुए भूस्खलन की वजह से एक कच्चा मकान ढह गया। इस हादसे में एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। शनिवार सुबह स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से मलबे में दबे सभी शव बरामद कर लिए गए। मृतकों में 38 वर्षीय नजीर अहमद, उनकी पत्नी 35 वर्षीय वजीरा बेगम और उनके पाँच बच्चे शामिल हैं। बच्चों की उम्र 5 से 13 साल के बीच थी। बताया गया कि हादसा उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार घर में सो रहा था और पहाड़ी से आए मलबे ने उनके घर को पूरी तरह ढक दिया।
वहीं, रामबन जिले के राजगढ़ क्षेत्र के ऊँचाई वाले इलाकों में बादल फटने की वजह से अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और चार अन्य अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। तेज़ बहाव वाले पानी ने कई घरों को बहा दिया, अनेक ढांचे ध्वस्त हो गए और कई मकान पूरी तरह से पानी में समा गए। प्रशासन की ओर से बचाव और राहत कार्य तेज़ी से जारी है। स्थानीय लोग भी बचाव कार्यों में प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते जम्मू-कश्मीर का मुख्य जीवनरेखा मार्ग जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पांचवें दिन भी पूरी तरह बंद है। यह 270 किलोमीटर लंबा हाईवे कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एकमात्र हर मौसम का रास्ता है। इस सप्ताह की शुरुआत में उधमपुर जिले के जखेनी और चेनानी के बीच भूस्खलन के कारण हाईवे पर आवाजाही रुक गई थी। परिणामस्वरूप 2,000 से ज्यादा वाहन जगह-जगह फँस गए हैं और यात्री घंटों से परेशान हैं।
जम्मू क्षेत्र की नौ अंतर-जिला सड़कें भी भूस्खलन और कटाव की वजह से बंद पड़ी हुई हैं। जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिलों के दर्जनों गाँव लगातार बारिश के कारण संपर्क से कट गए हैं, जिससे लोगों को आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा सुविधाओं की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में जम्मू के कटरा इलाके में वैष्णो देवी मंदिर के पास भी भूस्खलन की बड़ी घटना हुई थी, जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई थी और कई लापता हो गए थे। त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर का रास्ता इस आपदा के बाद तबाही का मंजर बन गया था। पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर नीचे गिरने से मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया और यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। विभाग ने शुक्रवार के लिए पुंछ, रियासी, राजौरी, किश्तवाड़ और उधमपुर में गरज-चमक और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया था। शनिवार और रविवार के लिए चेतावनी को और कड़ा करते हुए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इस दौरान पुंछ, किश्तवाड़, जम्मू, रामबन और उधमपुर में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
लगातार हो रही बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की श्रृंखला ने जम्मू-कश्मीर में भय और चिंता का माहौल बना दिया है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और सतर्क रहने की सलाह दी है। बचाव दल चौबीसों घंटे राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, जबकि लापता लोगों की तलाश के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं।
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