कांग्रेस की नीतियों को बताया जनसंख्या असंतुलन के लिए जिम्मेदार

 


असम विधानसभा के उपाध्यक्ष नुमाल मोमिन ने राज्य में जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया है कि वर्तमान में राज्य के 15 जिले मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय एक भी जिला मुस्लिम बहुल नहीं था, लेकिन अब स्थिति काफी बदल चुकी है, जो मूल असमिया समाज और संस्कृति के लिए एक गहरा संकट बनता जा रहा है।

एक साक्षात्कार के दौरान मोमिन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का दृष्टिकोण असम को इस्लामिक राज्य में बदलने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि निचले असम से लेकर मध्य और अब ऊपरी असम तक मुस्लिम आबादी का प्रवाह बहुत ही “वैज्ञानिक और रणनीतिक” तरीके से हो रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उनके बचपन में सरूपथर क्षेत्र में 60-70 मुस्लिम घर थे, लेकिन अब यह संख्या 6000 से 7000 तक पहुँच चुकी है।

मोमिन ने कहा कि यह केवल एक क्षेत्रीय बदलाव नहीं है, बल्कि असम की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि यह बदलाव किसी स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य असमिया लोगों की जड़ों को कमजोर करना है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बेदखली अभियानों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई और तेज़ करने की आवश्यकता है। मोमिन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल मुख्यमंत्री की चिंता नहीं, बल्कि हर मूल असमिया और स्थानीय नागरिक की चिंता का विषय होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य की अस्मिता, विरासत और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए निर्णायक और ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि किसी भी प्रकार की जनसांख्यिकीय साजिश को रोका जा सके।

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