घरेलू हिंसा की हदें पार, आठ माह के बच्चे के साथ हैवानियत
रामपुर : जिले के अजीमनगर थाना क्षेत्र के करनपुर गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपनी ही आठ माह के मासूम बेटे को उल्टा लटकाकर पूरे गांव में घुमाया। यह अमानवीय कृत्य पत्नी से विवाद के बाद किया गया, और इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे देखकर लोग सन्न रह गए और स्थानीय स्तर पर आक्रोश फैल गया।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी संजू का विवाह दो वर्ष पूर्व सुमन नामक महिला से हुआ था। सुमन के भाई शिव चरन के अनुसार, विवाह के बाद से ही संजू दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता आ रहा था। सुमन को पहले भी मारपीट कर घर से निकाल दिया गया था, लेकिन पंचायत के माध्यम से दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद वह ससुराल वापस लौटी थी। लेकिन कुछ ही दिन बाद एक बार फिर विवाद बढ़ गया।
घटना 19 जुलाई की है, जब संजू ने एक बार फिर अपनी पत्नी को पीटा और उसे घर से जबरन निकाल दिया। इसके बाद उसने अपने आठ माह के मासूम बेटे को हवा में उल्टा लटकाकर पूरे गांव में घुमाया। इस दौरान बच्चा लगातार रोता रहा, लेकिन गांववाले तमाशबीन बने रहे और किसी ने संजू को रोकने की हिम्मत नहीं की। यह भयावह दृश्य करीब आधे घंटे तक चलता रहा। न तो किसी ने हस्तक्षेप किया और न ही पुलिस को सूचना दी गई। संजू के इस अमानवीय बर्ताव से गांव में आक्रोश तो था, लेकिन डर के कारण लोग मौन रहे।
बाद में संजू के ही कुछ परिजनों ने स्थिति को संभालते हुए बच्चे को उससे छीना और सुरक्षित किया। इसी बीच, सुमन का भाई शिव चरन गांव पहुंच गया और उसने अपनी बहन तथा भांजे को साथ लेकर रामपुर के मिलकखानम थाना क्षेत्र के गांव शादीनगर हजीरा चला गया। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। आरोपी संजू भी वहां पहुंच गया और ससुराल पक्ष पर मारपीट का आरोप लगाने लगा।
मिलकखानम थाना प्रभारी निशा खटाना के अनुसार, आरोपी की शिकायत की जांच की गई और जांच के बाद वास्तविकता सामने आ गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि संजू ने ही न केवल अपनी पत्नी के साथ मारपीट की, बल्कि मासूम बेटे के साथ भी अमानवीयता की हदें पार कर दीं। इसके बाद पुलिस ने आरोपी संजू को 22 जुलाई को गिरफ्तार कर शांति भंग की धारा में एसडीएम कोर्ट भेजा। हैरानी की बात यह रही कि आरोपी को वहां से जमानत मिल गई।
गांव के लोग पुलिस की इस कार्रवाई से खासे नाराज़ हैं। उनका कहना है कि जिसने अपने ही बेटे के साथ इस तरह का नृशंस व्यवहार किया, उस पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए था। ग्रामीणों और पीड़ित महिला पक्ष ने मांग की है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह की बर्बरता करने की हिम्मत न जुटा सके।
यह घटना न केवल सामाजिक चेतना को झकझोरने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा जैसे मुद्दे आज भी समाज में कितनी गहराई से जड़े हुए हैं। कानून व्यवस्था पर उठे सवालों के बीच अब देखना यह होगा कि पुलिस दोबारा मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करती है या यह भी एक और उपेक्षित केस बनकर रह जाएगा। इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा और महिला अधिकारों पर एक बार फिर गंभीर बहस को जन्म दे दिया है।
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