बद्रीनाथ और यमुनोत्री हाईवे भी अवरुद्ध, यात्री अस्थायी रास्तों से सफर को मजबूर

 


देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा एक बार फिर बाधित हो गई है। सोनप्रयाग के समीप मुनकटिया क्षेत्र में गुरुवार को हुए भूस्खलन के बाद मार्ग पर भारी मलबा और पत्थर गिरने से सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई, जिसके कारण तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा। पुलिस और प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके।

इस क्षेत्र में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। गौरीकुंड से लौट रहे लगभग 40 तीर्थयात्री भूस्खलन के कारण मुनकटिया के पास फंस गए थे। टीमों ने रात के समय खतरनाक हालातों के बीच बचाव अभियान चलाकर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। एसडीआरएफ द्वारा साझा किए गए वीडियो फुटेज में मलबे के बीच राहत दलों की कठिनाईपूर्ण स्थिति में चल रही गतिविधियाँ साफ दिखाई दीं।

रुद्रप्रयाग पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बताया कि मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में हुए भूस्खलन के कारण मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है और सड़क से मलबा हटाने का कार्य जारी है। मार्ग पूरी तरह साफ होने के बाद ही केदारनाथ यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा। यह मार्ग चारधाम यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे हर साल लाखों श्रद्धालु तय करते हैं।

केवल केदारनाथ ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के अन्य धार्मिक स्थलों के मार्ग भी बारिश के कारण बाधित हो रहे हैं। चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग उमट्टा में बद्रीश होटल के पास अवरुद्ध हो गया है। इसी प्रकार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सिलाई बैंड और ओजरी के बीच दो स्थानों पर पूरी तरह बाधित हो गया है। मार्ग के कुछ हिस्से बारिश में बह चुके हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। पुलिस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपने गंतव्यों के लिए निकलने से पहले ताजा मार्ग स्थिति की जानकारी अवश्य लें।

इस वर्ष केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड संख्या देखने को मिली है। प्रशासन ने तीर्थयात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा बलों, चिकित्सा टीमों और बचाव एजेंसियों को पहले से तैनात किया हुआ है। लगभग 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ धाम हिंदू आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। वर्ष 2025 के लिए मंदिर के कपाट 2 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे और तब से लेकर अब तक हजारों श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं।

भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और यात्रा से जुड़े सभी विभागों को सक्रिय कर दिया गया है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम और मार्ग की स्थिति पर नजर बनाए रखें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। चारधाम यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में मौसम की भूमिका अत्यंत अहम होती है, और उत्तराखंड प्रशासन इससे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

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