अस्पतालों को ABDM सेवाएं अपनाने के निर्देश,मरीजों की राय जानने को फीडबैक फार्म जरूरी

 


देहरादून  : प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों को लाभार्थियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई अहम निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने स्पष्ट किया है कि अब अस्पतालों को अपने हर वार्ड में योजना से संबंधित टोल फ्री नंबर का प्रदर्शन करना होगा ताकि किसी भी लाभार्थी को समस्या होने की स्थिति में तत्काल सहायता मिल सके।

उन्होंने बताया कि अस्पतालों को इस नंबर को केवल अंग्रेज़ी या हिंदी में नहीं, बल्कि स्थानीय भाषा में भी स्पष्ट रूप से चस्पा करना होगा ताकि मरीजों और उनके परिजनों को जानकारी समझने में कोई परेशानी न हो। इसके अतिरिक्त अस्पताल परिसर में योजना से संबंधित सूचनाओं के डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाने भी अनिवार्य कर दिए गए हैं।

प्राधिकरण की ओर से यह कदम उन शिकायतों के आधार पर उठाया गया है जिनमें अस्पतालों द्वारा लाभार्थियों को भ्रमित करने या उनसे उपचार के नाम पर धन की मांग करने की सूचनाएं मिलती रही हैं। सीईओ रीना जोशी ने कहा कि ऐसी अनियमितताओं पर सख्ती से रोक लगाना आवश्यक है, ताकि इस जनकल्याणकारी योजना का वास्तविक लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके।

उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ अस्पतालों में आईसीयू के समीप वेटिंग रूम की अनुपलब्धता और पार्किंग की असुविधा जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आईसीयू के निकट वेटिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि मरीजों के परिजनों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

इसी प्रकार, अस्पतालों में लंबी कतारों से राहत देने के लिए टोकन सिस्टम लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रतीक्षा कक्ष की बेहतर व्यवस्था और प्रत्येक मरीज से फीडबैक फार्म भरवाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। इससे अस्पतालों की सेवाओं की गुणवत्ता की निगरानी और सुधार में मदद मिलेगी।सीईओ ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अस्पतालों को स्कैन एंड शेयर सुविधा का उपयोग करने, मरीजों को आभा आईडी के महत्व की जानकारी देने और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होनें दोहराया कि अस्पताल प्रशासन को इन सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कर इसकी जानकारी निर्धारित समय सीमा के भीतर प्राधिकरण को देनी होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा अस्पतालों की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है, और किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीईओ ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान योजना के प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए अस्पतालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।इस दिशा में उठाए जा रहे यह कदम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के नागरिकों को उनके स्वास्थ्य अधिकार पूरी गरिमा और सहूलियत के साथ प्राप्त हो सकें।

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