प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की मुहिम तेज, निरीक्षण टीमें होंगी गठित
देहरादून: प्रदेश में अब बिना पंजीकरण संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है। ऐसे केंद्रों को चिन्हित कर बंद किया जाएगा और मानसिक स्वास्थ्य नियमावली के तहत उन पर जुर्माना तथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय में शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में प्रदेश के नशा मुक्ति केंद्रों की स्थिति, पंजीकरण, संचालन मानकों और निरीक्षण प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई।
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए कि मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 के अंतर्गत प्रत्येक जिले में निरीक्षण टीमों का गठन किया जाएगा, जो सभी नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित निरीक्षण और मूल्यांकन करेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, सीईओ डॉ. शिखा जंगपांगी, संयुक्त निदेशक डॉ. सुमित बरमन, सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश में अब तक 135 नशा मुक्ति केंद्रों ने पंजीकरण कराया है। बीते वर्ष लागू हुई मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम की नियमावली के तहत इन केंद्रों का एक वर्ष के पश्चात स्थायी पंजीकरण कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि प्रदेश में कई केंद्र ऐसे भी हैं जो बिना पंजीकरण के संचालन कर रहे हैं, जिनकी निगरानी और जांच की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की गतिविधियों की समीक्षा भी की गई। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। स्वास्थ्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों से अपील की कि वे प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के अभियान में सक्रिय भागीदारी करें। जनजागरूकता को इस मुहिम की सबसे प्रभावी रणनीति मानते हुए उन्होंने शहरी और ग्रामीण स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण या निर्धारित मानकों के विपरीत संचालित किसी भी नशा मुक्ति केंद्र को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास सेवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध गतिविधियों में लिप्त संस्थानों पर त्वरित व कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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