कारगिल विजय दिवस से पहले सैनिकों को सम्मान का संदेश, सीएम धामी ने दी सौगात
देहरादून: : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड सहित पूरे देश के वीर सैनिकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि को मौजूदा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। इस निर्णय से न केवल देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मान बढ़ेगा, बल्कि यह राज्य सरकार की सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। यह समारोह उनके पिता स्वर्गीय सूबेदार श्री शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था, जो स्वयं सेना में सेवा दे चुके थे। सैनिकों के प्रति अपने व्यक्तिगत जुड़ाव और सम्मान को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सैनिक कल्याण विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया।
सरकार की यह घोषणा केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि इसमें एक स्पष्ट नीति और दृष्टिकोण झलकता है जिसमें सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण को प्राथमिकता दी जा रही है। अनुग्रह राशि में यह वृद्धि सीधे एक करोड़ रुपये की है, जो मुख्यमंत्री की इस विषय पर गंभीरता और संकल्प को दर्शाती है। यह भी उल्लेखनीय है कि जून 2022 से पहले परमवीर चक्र विजेताओं को मात्र 30 लाख रुपये की राशि दी जाती थी। इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने 10 जून 2022 को इसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का निर्णय लिया और 14 जुलाई 2022 को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया। अब इस राशि को एक बार फिर से तीन गुना कर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ ही, परमवीर चक्र विजेताओं को वार्षिक अनुदान के रूप में तीन लाख रुपये की सहायता राशि भी मिलती रहेगी, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक स्थायित्व प्राप्त हो सके। इस फैसले से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार वीर सैनिकों के योगदान को केवल समारोहों और भाषणों तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उनके लिए वास्तविक, ठोस और अर्थपूर्ण कदम भी उठा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण ही सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों की वीरता, समर्पण और त्याग का सम्मान करे। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है जिसने देश को अनेक जांबाज़ और वीर सैनिक दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि एक सैनिक और उसके परिवार का जीवन अनुशासन, त्याग और सेवा की मिसाल होता है। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करे। सरकार लगातार सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस और प्रभावी निर्णय ले रही है और आगे भी इसी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह फैसला न केवल सैनिकों के लिए आर्थिक सहायता का कार्य करेगा, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उन्हें यह संदेश देगा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया है और राज्य उनका सच्चे मन से सम्मान करता है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का कार्य करेगी और देशभक्ति की भावना को और अधिक प्रबल बनाएगी।
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