नामीबिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, ढोलक बजाकर निभाई सांस्कृतिक साझेदारी

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा के अंतिम चरण में हैं और उन्होंने नामीबिया पहुंचकर वहां ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से यादगार क्षणों को साझा किया। यह यात्रा न केवल भारत-नामीबिया के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी और नेतृत्व को भी दर्शाती है।

नामीबिया पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक और भव्य स्वागत किया गया। नामीबिया की सांस्कृतिक झलक उस समय देखने को मिली जब प्रधानमंत्री ने खुद पारंपरिक नृत्य में भाग लिया और ढोलक पर थाप दी। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और संगीत की छटा में प्रधानमंत्री का उत्साह देखते ही बनता था। उन्होंने ढोलकी बजाते हुए उस सांस्कृतिक विरासत से सीधे जुड़ाव का संदेश दिया, जो भारत जैसे विविधता भरे देश के लिए खास मायने रखती है। सोशल मीडिया पर यह दृश्य तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने प्रधानमंत्री के इस gesture को सांस्कृतिक सम्मान की भावना से जोड़ा।

नामीबिया में प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली यात्रा है, जबकि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह तीसरी यात्रा मानी जा रही है। इससे पहले 27 वर्ष पूर्व भारत के प्रधानमंत्री ने यहां दौरा किया था, इसलिए यह यात्रा ऐतिहासिक महत्व रखती है। प्रधानमंत्री के नामीबिया आगमन को लेकर वहां के लोगों और प्रशासन में भी उत्साह की झलक दिखी।

प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया के पहले राष्ट्रपति और स्वतंत्रता संग्राम के जनक दिवंगत डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि देंगे और देश की संसद को भी संबोधित करेंगे। उनके नामीबिया के राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा से द्विपक्षीय मुलाकात और उच्च स्तरीय चर्चा होनी है। इन वार्ताओं में ऊर्जा, खनिज, व्यापार, शिक्षा, कृषि और रक्षा जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा होगी।

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और नामीबिया के बीच बहुआयामी साझेदारी और ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं इस बात पर जोर दिया कि भारत अफ्रीका के इस महत्वपूर्ण राष्ट्र के साथ द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना चाहता है और इसे ग्लोबल साउथ का एक विश्वसनीय भागीदार मानता है।

भारत के नामीबिया में उच्चायुक्त राहुल श्रीवास्तव ने भी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत नामीबिया से यूरेनियम आयात करने की दिशा में विचार कर रहा है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में नामीबिया में हुए तेल और गैस के नए भंडारों की खोज भारत के लिए एक संभावनाशील क्षेत्र है और इसमें द्विपक्षीय निवेश की संभावना बन रही है।

राहुल श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि भारत, ग्लोबल साउथ में अपनी भूमिका को मजबूत करते हुए अफ्रीका जैसे महाद्वीप के साथ सहयोग को और अधिक गहरा करना चाहता है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ" शिखर सम्मेलनों में नामीबिया ने भाग लिया था और यह भारत-अफ्रीका के बीच सहयोग की दिशा में एक मजबूत संकेत था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा घाना से शुरू हुई थी, जिसके बाद वे त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना और ब्राज़ील होते हुए अब नामीबिया पहुंचे हैं। इस बहुपक्षीय दौरे ने न केवल भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक दक्षिण में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को और अधिक विश्वसनीय और सशक्त बना दिया है।

प्रधानमंत्री की नामीबिया यात्रा को भारत के रणनीतिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में अफ्रीका और भारत के संबंधों को नई दिशा दे सकती है।

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