सड़क पर बिखर गए तीन सपने, हेलमेट न पहनने की चुकानी पड़ी भारी कीमत
बदायूं : सहसवान क्षेत्र में बुधवार की शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। बाइक से घर लौट रहे तीन जिगरी दोस्तों को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयावह था कि तीनों युवक बाइक समेत सड़क पर काफी दूर तक घिसटते चले गए। राहगीरों की सूचना पर पहुंची सहसवान थाना पुलिस ने तीनों घायलों को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर मिलते ही अस्पताल में कोहराम मच गया। परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
मृतकों की पहचान गांव सुखर्रा निवासी उमेश (19) पुत्र रामलाल, नीरज (17) पुत्र चंद्रपाल और लोकेश (22) पुत्र ओमकार के रूप में हुई है। तीनों एक ही गांव के रहने वाले थे और गहरे दोस्त थे। इस हादसे से गांव में शोक की लहर फैल गई। बताया गया कि तीनों युवक बिना हेलमेट के यात्रा कर रहे थे, जो इस भीषण दुर्घटना का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार यदि उन्होंने हेलमेट पहना होता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी।
लोकेश, जो तीनों में सबसे बड़ा था, गांव में “गुरुजी” के नाम से जाना जाता था। उसने आईटीआई की पढ़ाई के बाद एक निजी स्कूल खोला और बच्चों को पढ़ाकर अपने परिवार की आर्थिक ज़रूरतें पूरी कर रहा था। उसके पिता मेहनत-मजदूरी करते हैं और छोटा भाई उनके साथ काम में हाथ बंटाता है। लेकिन घर की जिम्मेदारी मुख्यतः लोकेश पर ही थी। उसकी मौत के बाद परिवार पर संकट टूट पड़ा है।
हादसे से पहले का दिन तीनों युवकों के लिए एक नई शुरुआत की उम्मीद लेकर आया था। नीरज और उमेश इंटरमीडिएट में दो-दो विषयों में फेल हो गए थे और पुनः दाखिला लेने के लिए लोकेश के साथ निकले थे। लोकेश ने बिसौली क्षेत्र के एक इंटर कॉलेज में उनका दाखिला करवाया और फिर किसी जरूरी काम से उघैती चले गए। लौटते समय यह हादसा हुआ और दोनों की शिक्षा की नई शुरुआत मौत के अंधकार में डूब गई।
गांव के लोगों का कहना है कि नीरज और उमेश कई दिनों से लोकेश से अपने दाखिले के लिए अनुरोध कर रहे थे। लोकेश ने जिम्मेदारी ली और उन्हें साथ ले गया, लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनकी आखिरी साबित होगी। उमेश और नीरज का घर भी एक-दूसरे के सामने ही था और लोकेश उनके पड़ोस में रहता था। तीनों अक्सर साथ ही देखे जाते थे, कभी पढ़ाई की बात करते तो कभी गांव की गलियों में घूमते।
इस हादसे ने न केवल तीन युवा जीवनों को लील लिया, बल्कि तीन परिवारों की उम्मीदों और सपनों को भी चकनाचूर कर दिया। पुलिस ने अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहन की पहचान की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर से हेलमेट की अनिवार्यता और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की अहमियत को उजागर किया है। एक छोटा सा एहतियात—हेलमेट पहनना—शायद तीन जिंदगियों को बचा सकता था। अब इन परिवारों के पास रह गया है तो केवल उनकी यादें, और एक सवाल—काश, हेलमेट पहना होता।
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