"उत्तराखंड में एकल महिलाओं के लिए नई उम्मीद: शुरू हुई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना"
देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए "मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना" की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सोमवार को देहरादून स्थित अपने कैंप कार्यालय में योजना का शुभारंभ करते हुए अधिकारियों के साथ बैठक की और योजना के विस्तृत स्वरूप को साझा किया।
यह योजना राज्य की उन महिलाओं को समर्पित है जो जीवन की विभिन्न परिस्थितियों के कारण अकेले जीवन यापन कर रही हैं। इनमें अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित और विकलांग महिलाएं शामिल की गई हैं। इस विशेष योजना का उद्देश्य इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करना और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ना है।
मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को स्वरोजगार आरंभ करने हेतु दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे। इसमें से 75% राशि सरकार की ओर से सब्सिडी (अनुदान) के रूप में दी जाएगी, जबकि शेष 25% राशि लाभार्थी को स्वयं निवेश करनी होगी। इस प्रकार, बिना किसी भारी वित्तीय बोझ के महिलाएं अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकती हैं।
योजना के प्रथम वर्ष में कम से कम 2000 एकल महिलाओं को इसका प्रत्यक्ष लाभ दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की सफलता और फीडबैक के आधार पर भविष्य में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। यह भी बताया गया कि आवेदन की प्रक्रिया सोमवार 17 जून से आरंभ हो गई है, और इसके लिए एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अब तक प्रदेश में महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही थीं, लेकिन विशेष रूप से एकल महिलाओं को लक्षित कर ऐसी कोई योजना नहीं थी। जबकि सबसे अधिक जरूरतमंद और संवेदनशील वर्ग यही महिलाएं होती हैं, जिन्हें समाज, परिवार और आर्थिक बाधाओं के बीच कई स्तरों पर संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में यह योजना उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उनका आत्मबल भी बढ़ाएगी।
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