जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने तृतीय मैमोरियल लेक्चर का किया आयोजन

 


जनरल बिपिन रावत की 66वीं जयंती पर दिल्ली में डॉ भीमराव अम्बेडकर सेंटर के समरसता सभागार में जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने तृतीय मैमोरियल लेक्चर का आयोजन किया। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत और आजतक के सीनियर एडीटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार एवं जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के सचिव मनजीत नेगी मुख्य वक्ता थे।कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

इस अवसर पर सभागार में मौजूद सभी लोगों द्वारा सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के अधिकारी, रक्षा सुरक्षा से जुड़े लोग एवं जनरल बिपिन रावत को चाहने वाले बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों द्वारा जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया को लॉच किया। स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सोच को अक्षुण्ण रखने और उसे आगे ले जाने के उद्देश्य से, उनसे जुड़े लोगों ने जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का गठन किया है। जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन से जुड़े लोगों का मानना है कि जनरल बिपिन रावत सिर्फ़ एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि देशसेवा में जुटी एक संस्था और विज़न का नाम है।

जनरल बिपिन रावत ने पूरा जीवन देश की सेनाओं और युवाओं को कैसे राष्ट्र निर्माण से जोड़ना है, इस मिशन में लगा दिया था। यह उन्हीं की सोच का फल है कि आज हमारी तीनों सेनाएं तालमेल के साथ देश की रक्षा में तत्पर हैं।जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के गठन का मुख्य कारण स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सशस्त्र बलों, सिविल सेवाओं में अधिकारी बनाने के लिए वंचित प्रतिभाशाली युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण देने के लिए एक मंच तैयार करना है। इसके अलावा सैन्य/सशस्त्र बलों के लिए वंचित मेधावी उम्मीदवारों की पहचान करना और उन्हें एनडीए, एनए, सीडीएस, यूपीएससी आदि जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए तैयार करना है।

इसमें प्रतिभावान उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी। जबकि वे इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होंगे तब उनके लिए आवास और भोजन की भी व्यवस्था की जायेगी।जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की प्राथमिकता उन वंचित प्रतिभाशाली युवा छात्रों को एक मंच प्रदान करना है जो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मार्गदर्शन की कमी के कारण महंगी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते उन्हें जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया एक मंच प्रदान करेगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

इसके अलावा सैन्य स्कूलों और अकादमियों की तर्ज पर छात्रों को शैक्षणिक और व्यक्तित्व विकास के मामले में तैयार करना है। इसके साथ ही बच्चों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना ताकि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके। युवाओं को उनके कौशल अंतर को कम करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा जिससे उन्हें बेहतर नौकरियां पाने या अपना खुद का उद्यम शुरू करने में मदद मिलेगी।जनरल बिपिन रावत की 66वीं जयंती पर जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा सीडीएस जनरल बिपिन रावत के ऊपर एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।

यह फ़िल्म उनके जीवन और उनके मिशन पर रोशनी डालती है। कार्यक्रम में जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फाउंडेशन के विजन और आगे की योजनाओं पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह फाउंडेशन जनरल बिपिन रावत के दूरगामी लक्ष्यों को पूरा करने का एक प्रयास है।सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जो सपना प्रथम सीडीएस जरनल बिपिन रावत जी ने देखा हम सब मिलकर उस सपने को पूरा करेंगे। आज तीनों सेनाओं के बीच जो तालमेल बन रहा है उसके पीछे रावत जी का ही दृष्टिकोण था।

उन्होंने कहा कि देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक में भी जनरल बिपिन रावत का अहम योगदान था। पाकिस्तान के साथ मैनेज करने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है। जनरल बिपिन रावत का रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण में भी एक बड़ा योगदान था। पिछले पांच-छह साल से थलसेना, वायुसेना और नौसेना में स्वदेशी हथियारों को जो तरजीह दी जा रही है, इसका एक बड़ा श्रेय जनरल रावत को जाता है।कार्यक्रम में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने अपना पूरा जीवन सशस्त्र सेनाओं और संपूर्ण राष्ट्र को समर्पित कर दिया।

उनकी अकाल मृत्यु के कारण देश ने एक महान् देशभक्त, एक बहादुर जनरल और एक दूरदृष्टा मिलिट्री रणनीतिकार खो दिया। अपनी सशस्त्र सेनाओं को रूपांतरित करने और राष्ट्र-निर्माण के उनके दूरदर्शी स्वप्नों को पूरा करने के हमें प्रयास करने चाहिए और उनके द्वारा सेनाओं में जो भी परिवर्तन वह करना चाहते थे वह अब किये जा रहे हैं।जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की ओर से इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति से पहले आजतक के सीनियर एडीटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार एवं जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के सचिव मनजीत नेगी द्वारा सभागार में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया। साथ ही भविष्य में भी फाउंडेशन के साथ अपना सहयोग बनाये रखने की अपील की।

इस मौके पर सेना के कई पूर्व अधिकारी भी सभागार में उपस्थित रहे। जिसमें प्रमुख रूप से एयर मार्शल एपी सिंह, वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वाई चीफ ऑफ नवल स्टॉफ, ले जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वाई चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ, पूर्व एडमिरल जी अशोक कुमार, एनसीएससी, भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट, पंतनगर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान, एनडीएमए मेंबर राजेंद्र सिंह, सी डॉट कॉम के सीईओ एवं चेयरमैन डॉ राजकुमार उपाध्याय, ओएनजीसी की डारेक्टर सुषमा रावत, एयर वाइस मार्शल राजेश भंडारी आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

 
 

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