देहरादून-दिल्ली बस सेवा पर आ सकता है संकट



दिल्ली सरकार के एक पत्र ने देहरादून-दिल्ली बस सेवा पर संकट गहरा दिया है। आपको बता दें कि बीएस.6 वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश संगधी पत्र निर्गत होने के बाद परिवहन निगम ने सीएनजी बसों का टेंडर भी निकाला लेकिन उसमें कंपनियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई ।

अब निगम के सामने 30 सितंबर तक बसों का इंतजाम करने की बहुत बड़ी चुनौती है।दरअसल, दिल्ली सरकार ने एक पत्र राज्य परिवहन निगम को भेजा था जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि एक अक्तूबर से केवल उन्हीं रोडवेज बसों को दिल्ली में एंट्री दी जाएगी जो बीएस.6 स्टैंडर्ड की होंगी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम के पास अभी वॉल्वो और अनुबंधित मिलाकर तकरीबन 50 रोडवेज बसें ही ऐसी हैं जो कि बीएस.6 हैं जबकि निगम की करीब 250 बसें उत्तराखंड से दिल्ली जाती हैं।

गौरतलब है कि परिवहन निगम ने जून माह में 141 सीएनजी बसों के लिए टेंडर निकाला था। इस टेंडर में बमुश्किल 50 बसों के लिए ही एक.दो कंपनी सामने आई।अब एक माह के अन्दर 200 सीएनजी बसों के लिए अगर दोबारा टेंडर भी निकाला गया तो इतने कम समय में बसों की आपूर्ति चुनौतीपूर्ण है।

हालांकि उत्तराखंड से दिल्ली बस सेवा से परिवहन निगम को सबसे ज्यादा कमाई होती है। ऐसे में अगर समय से बसें उपलब्ध नहीं हुईं तो परिवहन निगम को नुकसान हो सकता है। बताया जा रहा है कि अगर दिल्ली की बस सेवा बंद हो गई तो उत्तराखण्ड परिवहन विभाग को 50 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हो जाएगा।

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