मुजफ्फरनगर के डीएसओ रिफाइनरी की पाइप लाइन से तेल चोरी में गिरफ्तार

 


 सहारनपुर पुलिस ने पानीपत रिफाइनरी की पाइप लाइन में सेंध लगाकर डीजल और पेट्रोल की चोरी करने के मामले में मुजफ्फरनगर के जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) बीके शुक्ला को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।आईओसीएल (इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड) के अधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से पानीपत रिफाइनरी की पाइप लाइन से तेल चोरी होने की शिकायत की थी। इसके बाद सहारनपुर पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया और 12 लोगों को गिरफ्तार किया। एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि पाइप लाइन से चोरी पेट्रोल और डीजल को मुजफ्फरनगर भोपा क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे एक पेट्रोल पंप पर बेचा जा रहा था। इसके बाद पुलिस ने डीएसओ मुजफ्फरनगर के निजी चालक श्रीराम कन्नौजिया को गिरफ्तार किया था। श्रीराम डीएसओ कार्यालय में चतुर्थ  श्रेणी कर्मचारी था और गत जून माह में रिटायर हुआ था। एसएसपी के अनुसार श्रीराम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अवैध रूप से पेट्रोल पंप चलवाने के लिए डीएसओ 30 हजार रुपये महीना ले रहे थे। इसके बाद डीएसओ को गिरफ्तार किया गया है।इस गिरोह ने पिछले दो सालों में वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में पेट्रोल-डीजल चोरी की 16 घटनाओं का अंजाम दिया और उनमें करीब एक लाख लीटर डीजल और पेट्रोल चोरी किया था। गिरोह के  सदस्यों के पास तेल ढोने वाले टैंकर, ट्रैक्टर, लग्जरी कारें और पाइप लाइन में सेंध लगाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए थे। तेल के खेल में सफाई देते-देते आखिरकार जिला पूर्ति अधिकारी बृजेश शुक्ला भी कानून के शिकंजे में फंस गए। सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीराम कन्नौजिया के पकड़े जाने और पुलिस की कार्रवाई के बाद शुक्ला ने पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी। अधिकारियों को  भी वह गुमराह करते रहे, लेकिन पुलिस के हाथ उन तक पहुंच ही गए। गिरफ्तार शुक्ला ने तीन दिन पहले दावा किया था कि प्रदेश में अवैध डीजल-पेट्रोल के सबसे ज्यादा मामले पकड़ते हुए  उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई है।सहारनपुर में सरकारी पाइप लाइन से तेल चोरी के मामले में पुलिस की जांच भोपा तक पहुंची तो तेल का खेल खुलता चला गया। पुलिस ने भोपा के पेट्रोल पंप संचालक उदित को पकड़ा तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। पूर्ति विभाग से सेवानिवृत्त हो चुका श्रीराम कन्नौजिया उससे तीस हजार रुपये लेकर अवैध  पेट्रोल पंप चलवा रहा था।एसओजी की जांच में कन्नौजिया फंस गया तो जिला पूर्ति अधिकारी बृजेश शुक्ला की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई । इसकी वजह यह थी कि सेवानिवृत्त होने के बावजूद कन्नौजिया अक्सर पूर्ति अधिकारी के कार्यालय में देखा जाता था। यही नहीं जिला आपूर्ति अधिकारी की गाड़ी में भी घूमता देखा गया। जिला पूर्ति अधिकारी ने दो दिन पहले ही सूचना विभाग के माध्यम से अपनी पोस्टिंग, तेल के प्रकरण में अब तक की हुई कार्रवाई को स्पष्टीकरण की तरह दिया था।डीएम चंद्रभूषण सिंह ने सख्त कदम उठाते हुए पूरे जिले में जांच के आदेश दिए थे। जांच चल ही  रही थी कि इस बीच सरसावा में बीके शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। डीएसओ की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही पूर्ति विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला पूर्ति अधिकारी बीके शुक्ला की तैनाती  लगभग एक वर्ष पूर्व ही हुई थी। पकड़े जाने से पहले उन्होंने कहा था कि तेल पाईप लाईन से सेंध लगाकर डीजल-पेट्रोल की चोरी एवं बिक्री का कार्य उनकी तैनाती से पहले करीब तीन साल से चल रहा है।



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