हांफने लगी पहाड़ में एनएच की सड़कें

  


अल्मोड़ा /  सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों को यूरोप की सड़कों की तरह बनाने का दावा करती है, लेकिन पहाड़ आते-आते यह राष्ट्रीय राजमार्ग भी हांफने लगते हैं। सबसे बुरा हाल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309 बी का है। 85 किमी लंबी सड़क पर चार जगहों पर तो आधी सड़क ही गायब है। कई जगहों पर कमजोर पहाड़ी से कब मलबा आ जाए, पता नहीं। इस सड़कों पर यात्री राम भरोसे यात्रा करने को मजबूर हैं।पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309बी अल्मोड़ा से पनार तक है। इस सड़क के हालात बेहद खराब है। 

अक्सर इन सड़कों पर दुर्घटनाओं की सूचनाएं मिलती रहती है। बारिश किसी भी मौसम में हो जाए, सड़क बंद हो जाती है। अल्मोड़ा से दन्या तक 50 किमी सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। कुछ जगहों पर नया डामरीकरण किया गया है, कुछ जगहों पर सड़क के हाल बेहद खराब हैं। दन्या से 35 किमी दूर पनार है। पनार पर राष्ट्रीय राजमामार्ग संख्या 309बी खत्म हो जाती है। सबसे खतरनाक सफर इसी 35 किमी पर है। यहां चार जगहों पर तो सड़क का आधा हिस्सा ही गायब है। पहाड़ काटकर जैसे-तैसे आवागमन को सुचारू किया गया है। वहीं कई जगहों पर पहाड़ी से मलबा आ रहा है।

 मलबा सड़क से अच्छी तरह हटाया भी नहीं गया है। बाकि जगहों पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं।जिपं सदस्य ममता पंत, बीडीसी महेश पंत, व्यापार संघ जिला उपाध्यक्ष हरीश दरमाल, प्रधान संगठन अध्यक्ष प्रताप गैड़ा, धन सिंह मेहता, राम सिंह गैड़ा आदि ने कहा कि भले ही राज्य सरकार एक सप्ताह में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा कर रही है। लेकिन यहां वर्षों से ऐसी सड़क पर यात्रा करने को मजबूर है। ठेकेदार को जल्द डामरीकरण के निर्देश दिए हैं। आपदा में एनएच को नौ करोड़ का नुकसान हुआ है। आगणन कर सरकार को भेजा है। धन मिलने पर कार्य शुरू होगा।

- महेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता, एनएच खंड, अल्मोड़ा

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