वेस्‍ट यूपी की 51 सीटों पर है जाट वोटों का दबदबा,क्‍या बदलेगी प्रियंका-जयंत की मुलाकात समीकरण?

 


उत्‍तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। ऐसे में हर राजनीतिक दल और नेता की छोटी-बड़ी हर गतिविधि सुर्खियां बटोर रही है। उनके राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर रालोद के जयंत चौधरी और प्रियंका गांधी के बीच मुलाकात हुई तो पश्चिमी यूपी के समीकरणों को लेकर नए सिरे से चर्चाएं तेज हो गईं। पश्चिम यूपी के 15 जिलों की कुल 71 में से 51 सीटों पर जाट वोटों का दबदबा है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद भाजपा को जाट वोटों को अपने साथ जोड़ने में कामयाबी मिली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 71 में से 52 सीटें जीत ली थीं। जबकि किसी जमाने में जाटों की रहनुमाई के लिए जानी जाने वाली रालोद के हाथ सिर्फ एक सीट बागपत जिले की छपरौली ही आई थी। रालोद वेस्‍ट यूपी में अपनी मजबूत पकड़ होने का दावा हमेशा से करती रही है। 

इसी दावे के साथ 2017 के चुनाव में पार्टी ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 284 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन हालत ये रही कि एक सीट पर जीते पार्टी विधायक सहेंद्र सिंह ने भी बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में वेस्‍ट यूपी में सपा, बसपा और निर्दल उम्‍मीदवार को भाजपा से बचीं 19 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। जबकि सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरी कांग्रेस के हाथ कोई सीट नहीं आई थी। जाहिर, 2017 का चुनाव वेस्‍ट यूपी में भाजपा की जड़ें गहरी कर गया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन के चलते समीकरण गड़बड़ाते नज़र आ रहे हैं। भाजपा जहां किसानों की नाराजगी और जाट वोटों के कटने के अंदेशे के चलते छोटी-छोटी जातियों को सहेजने के विकल्‍प पर काम कर रही है वहीं सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद भी अपने-अपने समीकरणों को दुरुस्‍त करने में जुटे हैं।विपक्ष को लग रहा है कि किसान आंदोलन और खासकर लखीमपुरी खीरी कांड के बाद जाट, भाजपा से दूर हुए हैं।

 विधानसभा चुनाव में वे भाजपा विरोधी गठबंधन के साथ आ सकते हैं। जाटों के साथ मुसलमानों के वोट भी जुट जाएं  तो कई सीटों पर निर्याणक स्थिति बन सकती है। यही सोचकर सपा और रालाेेद करीब आए हैं। दोनों का गठबंधन है लेेेकिन उनके बीच सीटों का बंटवारा फिलहाल नहीं हुआ है। उधर, कांग्रेस को यूपी में किसी मजबूत सहयोगी की तलाश है। हाल ही में यूपी के पर्यवेक्षक और छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने छोटे दलों को ऑफर दिया है। इस बीच रविवार को संयोग से ही सही लखनऊ एयरपोर्ट पर जयंत चौधरी और प्रियंका गांधी की मुलाकात हुई तो अटकलें तेज हो गईं। 


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