कैसे हारेगा कोरोना जब पहली डोज के बाद नहीं लगवाई 12 लाख लोगों ने दूसरी डोज

 


 हाल में जिले में छह लाख से ज्यादा लोगों की दूसरी डोज ड्यू हो गई है। यानि, उन्हें पहले डोज लगवाए हुए उतने दिन बीत गए हैं कि दूसरी डोज लगवा लेनी चाहिए थी।इनमें अधिकांश लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज ड्यू हुए बीस दिन से ज्यादा का समय बीत गया है। ऐसे लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रशासन से त्योहारी सीजन से पहले वैक्सीन मेला अभियान चलाया। इसमें दूसरी डोज लगवाने वालों की संख्या बढ़ी, लेकिन आंकड़ा कम ही रहा। वैक्सीनेशन अभियान के बाद भी कोरोना की दूसरी लगवाने वालों की ड्यू डोज की संख्या की संख्या बढ़ती जा रही है।


 अभियान शुरू होने पर पांच लाख से कम लोगों की दूसरी डोज ड्यू थी। जो अब छह लाख को पार कर गई है। जिस उत्साह से लोगों से वैक्सीन की पहली डोज लगवाई, उतना उत्साह दूसरी डोज लगवाने में नहीं दिखाया। वैक्सीन की दूसरी डोज जिले में हर रोज पांच चार से ज्यादा लोगों को लगवानी चाहिए। यह संख्या सामान्य दिनों में हर रोज औसतन दो हजार तक सीमट जा रही है। जिला प्रशासन के वैक्सीन अभियान में तो औसतन हर रोज छह हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई गई। जिले में 18 अक्तूबर से एक नवंबर तक वैक्सीन अभियान चला। इस दौरान कुल 81 हजार लोगों को वैक्सीन लगी। जिला                पहली डोज लगी     दूसरी डोज नहीं लगवाई 

हरिद्वार               1500000              300000
नैनीताल              722854                18000
बागेश्वर               183000                 4000
ऊधमसिंहनगर    1278608               173152
चंपावत              183498                 61770
पिथौरागढ़           318834                30000
अल्मोड़ा             378359                15000
देहरादून             1469000              600000 

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