धरातल पर अभी भी निर्मल होने के इंतजार में गंगा

 


 स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन को भले ही गिनीज बुक में दर्ज कर दिया गया हो, लेकिन धरातल पर मिशन कब सफल होकर पूरा होगा। यह बड़ा सवाल उठ रहा है। गंगा प्रेमियों ने गंगा को प्राचीन रूप में लाने की मांग सरकार की है।

गंगा की सफाई के लिए शुरू हुई स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन को गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। गंगा उत्सव 2021 के पहले दिन एक नवंबर को हाथ से लिखे संदेशों की सबसे ज्यादा तस्वीरों को एक घंटे के भीतर फेसबुक पर पोस्ट होने की इस उपलब्धि पर यह रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। जल शक्ति मंत्री ने भी इसकी काफी तारीफ की। मगर धर्मनगरी से गुजरी रही गंगा की सफाई का हाल बेहाल है। मिशन के जरिये गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपये तो खर्च किए जा रहे हैं। पर परिणाम कुछ ज्यादा नजर नहीं आ रहा है। जगह-जगह गंगा की गंदगी की बदहाली देखी जा सकी है। गंगनहर बंदी के दौरान गंदगी साफ दिखाई दे रही है। शहर में ही गंदगी से गंगा पटी पड़ी हुई है। कहीं पॉलिथीन के ढेर लगे हैं तो कहीं पुराने फटे कपड़े। इससे अवरिल गंगा और निर्मल गंगा बनाने के लिए बनाया स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन अभी तक जमीन पर कारगर नहीं दिख रहा है।

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बंदी में सामाजिक संस्थाओं ने भी बनाई दूरी

गंगनहर बंदी के दौरान हर साल साफ-सफाई अभियान चलाया जाता रहा है। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों और सरकारी के संयुक्त प्रयासों से बंदी के दिनों में गंगा को पूरी तरह से साफ कर दिया जाता था। इस बार बंदी का समय भी पूरा हो गया है। लेकिन न तो सामाजिक संस्थाएं गंगा सफाई के लिए आगे आई और न ही सरकार ने सफाई के लिए कोई कदम उठाया।

केवल फेसबुक पर पोस्टर से घोषणाएं कर देने से क्या होगा। गंगा को साफ करके गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवाएं। यूएनओ ने 2021-2030 को एकोसिस्टम रेस्टोरेशन का दशक घोषित किया है। इसके तहत गंगा को अपने प्राचीन स्वरूप में लाएं, तब उत्सव मनाएं। गिनीज बुक भी इन छोटी-छोटी बातों को दर्ज करके अपनी अहमियत को कम न करें।



- स्वामी शिवानंद सरस्वती, परमाध्यक्ष, मातृ सदन


गंगा बंदी के दौरान गंगा स्वच्छता को लेकर इस वर्ष पूर्णत: प्रेरणा का अभाव रहा। जिसके कारण सामाजिक संस्थाओं का जुड़ाव व रुझान गंगा स्वच्छता की ओर नहीं रहा। यह सोचनीय विषय है। इसको लेकर प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं को आगे बढ़कर कार्य करने की आवश्यकता है।

- डॉ. सुनील कुमार बत्रा, प्राचार्य

Sources:Amarujala


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