उत्‍तराखंड : पांच ट्रैकरों के शव सुंदरढूंगा घाटी से किये गये रेस्क्यू, एसडीआरएफ की टीम चॉपर से कपकोट लेकर पहुंची

बागेश्वर / पिछले छह दिनों के बाद जिला प्रशासन को रेस्क्यू अभियान में सफलता मिली है। देहरादून से आए आठ एसडीआरएफ के पवर्तारोही टीम ने सुंदरढूंगा घाटी में जमे हुए हैं। मंगलवार की सुबह उन्हें सफलता हासिल हुई है। पांच शवों को रेस्क्यू कर लिया गया है। नैनी-सैनी से आए चौपर के माध्यम से उन्हें कपकोट लाया गया है। जिला मुख्यालय से कपकोट गई डाक्टरों की टीम उनका पोस्टमार्टम कर रही है।जैकुनी गांव के गाइड खिलाफ सिंह अब भी लापता है। बागेश्वर जिले के सुंदरढूंगा घाटी में 18 अक्टूबर को हताहत पांच बंगाली ट्रैकरों के शव देहरादून से आई एसडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिए हैं। पांचों शवों को कपकोट लाया गया है। वहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। जबकि जैकुनी गांव के गाइड खिलाफ सिंह अब भी लापता है। एसडीआरएफ टीम के मुताबिक मौसम अनुकूल न होने के कारण शवों को रेस्क्यू करने में काफी कठिनाई आई। गाइड को ढूढने के लिए ऑपरेशन चल रहा है।जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि एक बड़ा चौपर भी मंगाया गया है। लेकिन पांचों शवों को छोटे चौपर में ले आया गया है। उन्होंने बताया कि एक सुंदरढूंगा घाटी में बर्फबारी हो रही है। जिसके कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कत हो रही है। जैकुनी गांव के खिलाफ सिंह का अभी पता नहीं चल सका है। उसे भी खोजा जा रहा है। बरामद ट्रैकरों के शवों की अभी शिनाख्त बाकी है। उसके आधार पर उनके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।देहरादून से आई एसडीएआरएफ की टीम में आठ लोग शामिल हैं। सभी पर्वातारोही हैं, जिसके कारण छठे दिन रेस्क्यू अभियान में सफलता हासिल हुई है। इसके अलावा कपकोट तहसील में तैनात एसडीएआरएफ की टीम भी उनको मदद कर रही है। इसके अलावा कुमाऊं मंडल विकास निगम के गाइड, ट्रैकरों के अलावा टीम में स्थानीय लोग भी शामिल हैं।

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