उत्तराखंड: विदेशों में पाया जाने वाला दुर्लभ सांप देहरादून में मिला, लगाता है पेड़ों पर छलांग

 


 वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बुधवार को राजधानी के हाथीबड़कला इलाके से दुर्लभ प्रजाति के सांप ब्रोंजबैक ट्री स्नेक सांप को पकड़ा है। ब्रोंजबैक ट्री स्नेक को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।वन विभाग की रेस्क्यू टीम में शामिल विशेषज्ञ रवि जोशी और जितेेंद्र बिष्ट को हाथीबड़कला निवासी गायत्री सहगल ने जानकारी दी थी। बुधवार को उनके घर में सांप निकला था। जानकारी मिलने पर रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और सांप को पकड़ना चाहा तो सांप ने लंबी छलांग लगा दी। काफी जद्दोजहद के बाद रेस्क्यू टीम ने जैसे-तैसे सांप पकड़ा। पकड़ा गया सांप ब्रोंजबैक ट्री स्नेक था जो फिलहाल राजधानी दून में दूसरी बार मिला है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सरीसृप विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास के अनुसार ब्रोंजबैक ट्री स्नेक अमूमन घने जंगलों के बीच पेड़ों की डालियों पर रहता है। यह सांप एक डाली से दूसरे डाली के बीच लंबी छलांग लगा सकता है। इसकी वजह से इसे उड़ने वाला सांप भी कहा जाता है। ब्रोंजबैक ट्री स्नेक किसी भी प्रकार का खतरा महसूस होने पर अपना रंग भी  बदल लेता है। साथ ही बेहद पतला होने के कारण पेड़ की टहनियों में छिप जाता है। इसकी सिर चौड़ा और देह चपटी गोल होती है। अन्य सांपों की तुलना में इसकी आंखें थोड़ी बड़ी और पूंछ लंबी तार जैसी होती है।ब्रोंजबैक ट्री स्नेक भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों में भी पाया जाता है। इसका पसंदीदा भोजन मेढ़क और छिपकली है। कोबरा, करैत जैसे जहरीले सांपों की तरह ब्रोंजबैक ट्री स्नेक जहरीला बिल्कुल नहीं होता है। इसके काटने का इंसान हो या अन्य जीवों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है।



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