उत्तराखंड विधानसभा सत्र: पांच दिवसीय मानसून सत्र की शुरूआत,पहले दिन यूकेडी ने किया विधानसभा कूच

 


  उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। पांच दिवसीय सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विधायकों के बैठने के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।मानसून सत्र के पहले दिन विश्व विख्यात पर्यावरणविद्, पदम विभूषण एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को सदन की गैलरी में माननीय सदस्यों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। सदन में प्रवेश करते वक्त उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री गणों एवं विधायकों द्वारा स्व. बहुगुणा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेता प्रतिपक्ष रही स्व.इंदिरा हृदयेश, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, हरिद्वार के पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक बच्ची सिंह रावत को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतिश्वरानंद, बंशीधर भगत, अरविंद पांडे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता, राजकुमार ठुकराल सहित अन्य ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।वहीं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान विस घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रिस्पना पुल के पास लगे बैरिकेडिंग पर रोक लिया। जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस में काफी नोक-झोंक हुई। दोपहर करीब एक बजे रिस्पना पुल के पास पहुंच उक्रांद के कार्यकताओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे पार करने की भी कोशिश। जिसके बाद नारेबाजी करते हुए उक्रांद के कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि जल्द सरकार की ओर से हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उक्रांद के 50 हजार कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करेंगे।2022 के चुनाव को देखते हुए विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर जवाब देने की रणनीति बनाई है। धामी का बतौर मुख्यमंत्री यह पहला विधानसभा सत्र है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री के रूप में बंशीधर भगत के ऊपर सदन में सरकार का पक्ष रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। जबकि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रीतम सिंह के लिए पहला सत्र है। पक्ष व विपक्ष सदन में नए अंदाज में नजर आएगा। माना जा रहा है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम सत्र है।जिससे विपक्ष के पास देवस्थानम बोर्ड, कोविड जांच फर्जीवाड़ा, महंगाई, बेरोजगार, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार की घेराबंदी करने का आखिर मौका है। जबकि सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी की है। सत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से 788 प्रश्न मिले हैं।कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सदन में 40 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि 30 विधायक प्रकाश पंत भवन के कक्ष संख्या 107 में बैठे हैं। जहां से वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सदन की कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं।सत्र की कवरेज करने के लिए मीडिया कर्मियों को विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति है। सदन में सभा मंडप और आसपास की गैलरी में प्रवेश पर पूर्व की भांति प्रतिबंध है। इस संबंध में विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल की ओर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मीडिया कर्मियों के लिए प्रकाश पंत भवन के पार्किंग परिसर में वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई। जहां पर सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की सुविधा है।पांच दिवसीय विधानसभा सत्र में आगे के दिवसों में कार्य संचालन के लिए सोमवार को दोबारा से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। जिसमें सदन की कार्यवाही के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।प्रदेश और जनहित के कई ऐसे विषय हैं, जिन पर प्रदेश की जनता सत्र के दौरान सदन से गंभीर चिंतन-मनन की अपेक्षा रखती है। प्रदेश का हर व्यक्ति चाहता है कि सदन के माध्यम से उनकी आशाएं व अपेक्षाएं सरकार तक पहुंचें। सदन सुचारू रूप से संचालित करने में पक्ष और विपक्ष सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करेंगे। उनका प्रयास रहेगा कि सरकार और प्रतिपक्ष के बीच मुद्दों पर सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो।


-प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष

Sources:AmarUjala

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