उत्तराखंड : भूस्खलन से खतरनाक हुआ बदरीनाथ हाईवे, बरसात से 200 सड़कें बंद

 


 

उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश की वजह से 200 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के कई जिलों में रास्ते बंद होने से ग्रामीणों की मुश्किलें भी दोगुनी हो गई हैं। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सड़कें बंद होने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लामबगड़ एक बार फिर ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन की वजह से नासूर बन गया है। भूस्खलन के बाद बंद हुए रास्तों की वजह से कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। मौसम विभाग ने भी अगले 11 अगस्त से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही बंद होने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। नोडल एजेंसी की ओर से बंद पड़ी सड़कों को खोलने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम से सड़क खोलने में काफी परेशानी आ रही है।चमोली जिले में हनुमान चट्टी एवं फूलों की घाटी के शीर्ष पर स्थित कुंठ खाल में भारी बारिश से रविवार रात घृतगंगा में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। इससे इस क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ की डर से हनुमानचट्टी और ओथ गांव के अधिकांश ग्रामीण रविवार को हनुमान मंदिर धर्मशाला, पुलिस चैकी एवं वन विभाग विश्राम गृह में रात काटने को मजबूर हुए।स्थानीय ग्रामीण धर्मेन्द्र नेगी ,राजेन्द्र नेगी, आशीष सिंह ने बताया कि रविवार की रात लगभग आठ बजे क्षेत्र में बादल फटा। रात को पहाड़ी में तेज आवाज आई और घृतगंगा का बहाव कई गुना बढ़ गया। नदी में भारी बोल्डर एवं मलवे के कारण गांव के कई संपर्क मार्ग एवं पेयजल लाइनें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। लोग डर के साये में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि ओथ, हनुमानचट्टी एवं बेनाकुली के ग्रामीणों का आवागमन एवं संपर्क एक दूसरे से टूट गया है। चमोली जिले में लामबगड़ एक बार फिर बदरीनाथ हाईवे पर नासूर बन गया है। पहले हाईवे लामबगड़ में पहाड़ी से भूस्खलन से बार बार बाधित होता था। लेकिन अब उससे 100 मीटर आगे नाला कहर बरपा रहा है। रविवार को हुई भारी बारिश से नाले के साथ आए मलबे ने 30 मीटर से अधिक हाईवे को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। सोमवार दोहपर बाद 3 बजे भले ही सड़क खोल दी गई लेकिन सफर के लिए सड़क अभी भी खतरनाक बनी हुई है।  विदित है कि लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे पिछले कई सालों से बंद होता रहा है।पिछले साल ही 120 करोड़ खर्च कर पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया गया है। अब पहाड़ी से भूस्खलन की समस्या तो ठीक हो गई है लेकिन 100 मीटर आगे नाले की वजह से बार बार हाईवे बाधित हो रहा है। गंगोत्री हाईवे नगुण में 16 घंटे बाद खुला: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगुण बैरियर के पास लगातार हो रहा भूस्खलन स्थानीय लोगों के लिए नासूर बनकर रहा गया है। भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे रविवार शाम 5 बजे बंद हो गया था। जो करीब 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सेामवार सुबह 9 बजे सुचारु हो पाया। दून-मसूरी मार्ग बारिश के कारण आए दिन बंद हो रहा है। सोमवार को भी ग्लोगी धार में मलबा आने के कारण एक घंटे तक सड़क बंद रही। इससे दोनों ओर करीब दो से तीन किमी लंबा जाम लग गया। वाहनों में फंसे लोग परेशान रहे। दून-मसूरी मार्ग पर ग्लोगीधार में पिछले एक साल से भूस्खलन हो रहा है। यहां सड़क चौड़ीकरण को पहाड़ काटा गया था। इसके बाद से इलाका आपदा की दृष्टि से संवेदनशील बन गया। हालात इतने खराब हैं कि यहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है। सोमवार को रोड बंद होने से यहां फंसी बेंगलुरु की पर्यटक किरन ने बताया कि हम एक घंटे से फंसे हैं। यहां पहाड़ी का ट्रीटमेंट जरूरी है। एक दिन पहले भी सीएम का काफिला भी सड़क बंद होने से 15 मिनट तक फंसा था। हालांकि, यहां लोनिवि ने दो जेसीबी लगाई हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने सरकार को कई ज्ञापन भेजे। चौड़ीकरण में घोटाले की जांच मांगी, पर कार्रवाई नहीं हुई है। ठेकेदार ने मशीनों से पहाड़ काटा। इसका ट्रीटमेंट तक नहीं किया गया। काम करना मुश्किल:लोनिवि के ईई डीसी नौटियाल ने बताया कि एक साल पहले जूलॉजिकल विभाग ने सर्वे के बाद रिपोर्ट बनाई थी। इसके अनुसार, जब तक पहाड़ी का हिस्सा गिरना बंद नहीं हो जाता, तब तक वहां किसी भी तरह का काम नहीं किया जा सकता। अभी पहाड़ी बिल्कुल खड़ी है, जिससे नीचे काम करना मुश्किल है। लोनिवि ने वहां चौड़ीकरण का काम नहीं किया। इस जगह हर समय दो जेसीबी तैनात की गई हैं, ताकि मलबा आते ही इसे साफ किया जा सके।

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