पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित, हाई कोर्ट के आदेश को दी गई है चुनौती



सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।




 


लखनऊ /  सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट का मानना था कि तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। इस आधार पर उसका इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता है।


बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 मई, 2019 को लोकसभा चुनाव होना था। तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, इसे एक मई को रिटर्निंग अफसर ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। तेज बहादुर से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों, लेकिन वह निर्धारित समय में आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर सके।




















तेज बहादुर यादव ने कहना है कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था। याचिका में ये भी कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया।










 


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Supreme Court reserves its order on the plea filed by dismissed BSF (Border Security Force) constable, Tej Bahadur, against the election of Prime Minister Narendra Modi from Varanasi constituency in Uttar Pradesh.




सुप्रीम कोर्ट में पहले रद हो चुकी है याचिका : लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी लोकसभा से नामांकन रद होने के बाद तेज बहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मामले में उचित निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले जांच की और तेज बहादुर के सभी आरोपों को निराधार पाया और इसी आधार पर उनके नामांकन खारिज होने के फैसले को सही माना गया।





वीडियो वायरल कर चर्चा में आए थे तेज बहादुर : बता दें कि बीएसएफ में कांस्टेबल रहे तेज बहादुर यादव खाने की खराब क्वालिटी पर सवाल उठाने के बाद चर्चा में आए थे। इसको लेकर एक वीडिये खूब वायरल हुआ था। उन्हें बाद में बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद तेज बहादुर ने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। तेज बाहुदर ने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वाराणसी से नामांकन किया था, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी शालिनी यादव का टिकट काटकर उन्हें गठबंधन का उम्मीदवार बना दिया, लेकिन हलफनामे में जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए चुनाव अधिकारी ने उनका नामांकन रद कर दिया था।


 


Sources:जेएनएन



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